एनसीएलएटी ने रहेजा के खिलाफ दिवालियापन की सीमा सिर्फ एक परियोजना तक सीमित की

एनसीएलएटी ने रहेजा के खिलाफ दिवालियापन की सीमा सिर्फ एक परियोजना तक सीमित की

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  • Publish Date - November 22, 2024 / 10:39 AM IST,
    Updated On - November 22, 2024 / 10:39 AM IST

नयी दिल्ली, 22 नवंबर (भाषा) रियल एस्टेट कंपनी रहेजा डेवलपर्स को राहत देते हुए राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने उसके खिलाफ दिवालियेपन की कार्यवाही को केवल उसकी एक परियोजना ‘रहेजा शिलास’ तक सीमित कर दिया है।

हालांकि, इसने रहेजा डेवलपर्स को अन्य अधूरी परियोजनाओं और सभी चल रही परियोजनाओं की स्थिति के बारे में विवरण देने का निर्देश दिया है, ताकि उचित आदेश पारित किए जा सकें।

एनसीएलएटी के चेयरपर्सन न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अगुवाई वाली तीन सदस्यीय पीठ ने अंतरिम समाधान पेशेवर (आईआरपी) को परियोजना से संबंधित दावों को जुटाने और स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।

एनसीएलएटी ने बृहस्पतिवार को पारित अंतरिम आदेश में कहा, “हमारा विचार है कि फिलहाल, जैसा कि आवेदक/प्रतिवादी ने प्रार्थना की है, दिवालियापन एक परियोजना ‘रहेजा शिलास (लो राइज)’ के लिए किया जा सकता है।”

एनसीएलएटी का यह निर्देश रियल्टी फर्म के निलंबित निदेशक मंडल के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक (सीएमडी) नवीन रहेजा द्वारा दायर याचिका पर आया है। याचिका में राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) के उस आदेश को चुनौती दी गई है, जिसमें कंपनी के खिलाफ कॉरपोरेट दिवाला समाधान कार्यवाही (सीआईआरपी) शुरू करने का निर्देश दिया गया था।

रियल्टी फर्म द्वारा दिवालियेपन को केवल एक परियोजना ‘रहेजा शिलास’ तक सीमित रखने के अनुरोध के बाद यह निर्देश आया है।

याचिका दायर करने वाले फ्लैट मालिकों ने खुद एनएलसीटी से अनुरोध किया था कि जिस परियोजना से वे संबंधित थे, उसके संबंध में दिवालियापन की कार्रवाई शुरू की जाए। याचिका के आधार पर रहेजा डेवलपर्स के खिलाफ दिवालियापन की कार्रवाई शुरू की गई थी।

भाषा अनुराग

अनुराग