खुदरा विक्रेताओं को प्राकृतिक गैस की आपूर्ति में कटौती, चार से छह रुपये महंगी हो सकती है सीएनजी

खुदरा विक्रेताओं को प्राकृतिक गैस की आपूर्ति में कटौती, चार से छह रुपये महंगी हो सकती है सीएनजी

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  • Publish Date - October 20, 2024 / 11:19 AM IST,
    Updated On - October 20, 2024 / 11:19 AM IST

नयी दिल्ली, 20 अक्टूबर (भाषा) सरकार ने शहरी खुदरा विक्रेताओं को सस्ती घरेलू प्राकृतिक गैस की आपूर्ति में 20 प्रतिशत तक की कटौती की है। सूत्रों का कहना है कि ऐसे में यदि ईंधन पर उत्पाद शुल्क की कटौती नहीं होती है, तो वाहनों को आपूर्ति की जाने वाली सीएनजी के दाम में चार से छह रुपये प्रति किलोग्राम की बढ़ोतरी हो सकती है।

भारत के भीतर अरब सागर से लेकर बंगाल की खाड़ी तक के स्थलों से जमीन के नीचे और समुद्र तल के नीचे से निकाली गई प्राकृतिक गैस ऐसा कच्चा माल है जिसे वाहनों के लिए सीएनजी और रसोई में इस्तेमाल होने वाली पाइप वाली प्राकृतिक गैस (पीएनजी) में बदला जाता है।

मामले की जानकारी रखने वाले चार सूत्रों ने कहा कि पुराने क्षेत्रों से उत्पादन की कीमतें सरकार द्वारा नियंत्रित की जाती हैं। इनका उपयोग शहरी गैस खुदरा विक्रेताओं को किया जाता है। इन क्षेत्रों से उत्पादन सालाना पांच प्रतिशत तक घट रहा है। इस वजह से शहरी गैस वितरण कंपनियों को आपूर्ति में कटौती की गई है।

सूत्रों ने बताया कि घरों में रसोई के लिए आपूर्ति की जाने वाली गैस संरक्षित है। ऐसे में सरकार ने सीएनजी के लिए कच्चे माल की आपूर्ति में कटौती की है। पुराने क्षेत्रों से प्राप्त गैस मई, 2023 में सीएनजी की 90 प्रतिशत मांग को पूरा करती थी और इसमें लगातार गिरावट आ रही है।

उन्होंने कहा कि 16 अक्टूबर से आपूर्ति में कटौती कर सीएनजी की मांग का सिर्फ 50.75 प्रतिशत कर दिया गया है, जो इससे पिछले महीने 67.74 प्रतिशत था।

शहरी गैस खुदरा विक्रेताओं को इस कमी की भरपाई के लिए आयातित और महंगी तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) खरीदने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है, जिससे सीएनजी की कीमतों में 4-6 रुपये प्रति किलोग्राम की बढ़ोतरी होगी।

पुराने क्षेत्रों से प्राप्त गैस की कीमत 6.50 अमेरिकी डॉलर प्रति मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट (एमएमबीटीयू) है, जबकि आयातित एलएनजी की कीमत 11-12 डॉलर प्रति इकाई है।

सूत्रों ने कहा कि फिलहाल खुदरा विक्रेताओं ने सीएनजी की दरें नहीं बढ़ाई हैं क्योंकि वे इसके समाधान के लिए पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के साथ बातचीत कर रहे हैं।

एक विकल्प यह है कि सरकार सीएनजी पर उत्पाद शुल्क में कटौती करे। वर्तमान में, केंद्र सरकार सीएनजी पर 14 प्रतिशत उत्पाद शुल्क वसूलती है, जो 14-15 रुपये प्रति किलोग्राम बैठता है।

उन्होंने कहा कि अगर इसमें कटौती की जाती है, तो खुदरा विक्रेताओं को बढ़ी हुई लागत का बोझ उपभोक्ताओं पर नहीं डालना पड़ेगा। सीएनजी की कीमतों में बढ़ोतरी एक राजनीतिक मुद्दा भी है क्योंकि महाराष्ट्र में अगले महीने चुनाव होने हैं और दिल्ली में भी जल्द चुनाव होने हैं। दिल्ली और मुंबई देश के सबसे बड़े सीएनजी बाजारों में से हैं।

भाषा अजय अजय

अजय