नयी दिल्ली, 22 सितंबर (भाषा) राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (एनसीएच) ने विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के छात्रों और अभ्यर्थियों को कोचिंग नामांकन शुल्क के रूप में एक करोड़ रुपये की वापसी कराई है।
इसमें संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) सिविल सेवा और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) में प्रवेश लेने के इच्छुक अभ्यर्थी शामिल हैं।
सरकार ने रविवार को बताया कि देश में विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए कोचिंग सेंटर में प्रवेश लेने वाले वाले छात्रों की शिकायत के बाद उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के हस्तक्षेप से रिफंड की प्रक्रिया मुकदमे के बिना पूरी कर ली गई।
उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे ने कहा, “यह कार्रवाई यह सुनिश्चित करने की हमारी प्रतिबद्धता की पुष्टि करती है कि कोचिंग संस्थान निष्पक्ष व्यवहार का पालन करें और उपभोक्ताओं के अधिकारों का सम्मान करें।”
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि कोचिंग सेंटरों द्वारा अनुचित व्यवहार, विशेष रूप से नामांकन शुल्क वापस करने से इनकार करने के संबंध में कई शिकायतें प्राप्त होने के बाद एनसीएच ने तेजी से इन शिकायतों को हल करने के लिए एक अभियान शुरू किया।
एनसीएच को 2023-24 में छात्रों से 16,276 शिकायतें प्राप्त हुईं, जबकि यह आंकड़ा 2022-2023 में 5,351 और 2021-2022 में 4,815 था।
शिकायतों में अधूरे वादे, अपर्याप्त शिक्षण गुणवत्ता और पाठ्यक्रमों को अचानक रद्द करना शामिल था।
मंत्रालय ने सफलता की कुछ कहानियों का हवाला दिया। इनमें एक बेंगलुरु का छात्र शामिल है, जिसे 3.5 लाख रुपये की धनराशि वापस मिली, तथा गुजरात के एक छात्र को एनसीएच के हस्तक्षेप के बाद 8.36 लाख रुपये की धनराशि वापस मिली।
भाषा अनुराग पाण्डेय
पाण्डेय