माईभारत डिजिटल मंच नौकरी, कारोबार के अवसर प्रदान करेगा: मांडविया

माईभारत डिजिटल मंच नौकरी, कारोबार के अवसर प्रदान करेगा: मांडविया

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  • Publish Date - December 12, 2024 / 06:16 PM IST,
    Updated On - December 12, 2024 / 06:16 PM IST

नयी दिल्ली, 12 दिसंबर (भाषा) केंद्रीय श्रम और रोजगार, युवा मामले और खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने बृहस्पतिवार को कहा कि नवनिर्मित माईभारत डिजिटल मंच को नौकरियों, प्रशिक्षण, नेटवर्किंग और व्यावसायिक अवसरों के लिए एकल-खिड़की पहुंच में बदल दिया जाएगा।

यहां अखिल भारतीय प्रबंधन संघ (एआईएमए) के युवा नेता परिषद शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए मांडविया ने कहा कि वर्तमान सरकार युवा-उन्मुख है और देश के युवाओं की इच्छाओं के अनुसार भारत का विकास करना चाहती है।

मांडविया ने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि भारत के युवा सुबह उठते ही माईभारत देखें, न कि व्हाट्सएप।’’

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वर्ष 2047 में विकसित भारत को परिभाषित करने के बारे में जनवरी में दो दिन एक युवा प्रतियोगिता के विजेताओं से उनकी राय जानने के लिए बिताएंगे।

उन्होंने युवा व्यापारिक नेताओं से कहा, ‘‘विकसित भारत का निर्माण आपकी आकांक्षाओं के अनुसार किया जाना चाहिए।’’

मंत्री ने एआईएमए से युवा नेताओं के शिखर सम्मेलन से प्रमुख विचारों और अंतर्दृष्टि को साझा करने के लिए कहा ताकि वह उन्हें सरकार के समक्ष प्रस्तुत कर सकें।

मांडविया ने कहा कि वर्तमान सरकार ने भारतीय युवाओं की मानसिकता को उच्च शिक्षा और करियर के लिए विदेश जाने से बदलकर भारत में अवसरों के लिए विदेश से लौटने की ओर मोड़ दिया है।

उन्होंने कहा कि स्टार्टअप इंडिया, स्टैंड अप इंडिया, खेलो इंडिया और ऐसे कार्यक्रम देश के युवाओं को अपनी आकांक्षाओं को साकार करने में सक्षम बना रहे हैं।

नौकरी के परिदृश्य पर विस्तार से बताते हुए मांडविया ने कहा कि सरकार ने सात-आठ प्रतिशत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि सुनिश्चित की है जिससे नौकरियां पैदा होंगी।

उन्होंने तर्क दिया कि सात-आठ प्रतिशत जीडीपी वृद्धि का मतलब विनिर्माण, कृषि, सेवाओं और बुनियादी ढांचे में वृद्धि है।

अपोलो हॉस्पिटल्स की प्रबंध निदेशक सुनीता रेड्डी ने कहा कि जहां भारतीय अमेरिका में हजार अरब डॉलर की कंपनियों का नेतृत्व कर रहे हैं, वहीं युवाओं को भारत में हजार अरब डॉलर की कंपनियां बनाने की जरूरत है।

भारत के युवा नेताओं के लिए प्रमुख कार्यों को सूचीबद्ध करते हुए उन्होंने प्रति व्यक्ति आय और लैंगिक समानता पर भारत की कम रेटिंग की ओर इशारा किया।

उन्होंने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि युवा नेता इन पर ध्यान केन्द्रित करें। हमें ऐसी रैंकिंग में ऊपर आना होगा, क्योंकि दुनिया हमें इसी आधार पर आंकती है।’’

उन्होंने कहा कि भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है, इसलिए इसे सर्वाधिक समावेशी भी बनना होगा।

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय अनुराग

अनुराग