सरसों, सोयाबीन तेल-तिलहन में गिरावट, बिनौला में सुधार

सरसों, सोयाबीन तेल-तिलहन में गिरावट, बिनौला में सुधार

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  • Publish Date - September 23, 2024 / 08:32 PM IST,
    Updated On - September 23, 2024 / 08:32 PM IST

नयी दिल्ली, 23 सितंबर (भाषा) महंगे दाम पर कमजोर लिवाली और डी-आयल्ड केक (डीओसी) की कमजोर मांग के कारण देश के तेल-तिलहन बाजार में सोमवार को सरसों तथा सोयाबीन तेल-तिलहन के दाम में गिरावट आई। दूसरी ओर नकली खल के कारण बिनौला खल का भाव टूटने के बीच बिनौला तेल के दाम ऊंचा बोले जाने की वजह से बिनौला तेल कीमतों में सुधार आया। सोयाबीन तेल से ऊंचा दाम होने के बीच कमजोर मांग और आयात घटने से कच्चा पामतेल (सीपीओ), पामोलीन तेल पूर्ववत रहे।

ऊंचे भाव पर कमजोर कारोबार के बीच मूंगफली तेल-तिलहन के भाव भी पूर्वस्तर पर बने रहे।

बाजार सूत्रों ने कहा कि आयातित तेलों के मुकाबले सरसों तेल के थोक भाव काफी अधिक होने के कारण लिवाली कमजोर रहने से सरसों तेल-तिलहन कीमत में हानि दर्ज हुई। वहीं डीओसी की कमजोर मांग होने से सोयाबीन तेल-तिलहन के दाम में भी गिरावट रही। सोयाबीन की कटाई चालू हो गयी है। बाजार में अभी आवक कम है जो आगे बढ़ेगी लेकिन अब भी सोयाबीन का दाम न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से 5-7 प्रतिशत कम है। आगे आवक बढ़ने की परिस्थिति को देखते हुए सरकार को कोई समाधान अभी से करना होगा।

सूत्रों ने कहा कि बाजार में कपास की भी आवक बढ़ी है और यह पहले के 8-10 हजार गांठ से बढ़कर 15-16 हजार गांठ हो गई है। लेकिन नकली बिनौला खल का कारोबार फलने-फूलने की वजह से किसानों को कपास नरमा के वाजिब दाम मिलना मुश्किल हो गया है। कपास में असली खेल बिनौला खल का होता है जिसे बेचकर किसान अपनी तेल दाम की कमी को पूरा करते हैं। बिनौला में बाकी तिलहनों के मुकाबले सबसे अधिक यानी लगभग 60 प्रतिशत खल निकलता है। जब नकली खल बाजार में सस्ते में उपलब्ध होगा तो महंगे दाम वाले असली खल क्यों खरीदा जायेगा? ऐसे में खल के नुकसान को बिनौला तेल के दाम को थोड़ा बहुत बढ़ाकर भी पूरा करना मुश्किल होता है। दाम ऊंचा बोले जाने के कारण बिनौला तेल कीमतों में सुधार है।

उन्होंने कहा कि नकली बिनौला खल की ही वजह से नरमा की खरीद भी प्रभावित हो रही है। आज कपास नरमा के भाव में 100 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आई है। आगे तो कपास की आवक और बढ़ेगी तब बाजार की क्या स्थिति होगी? इस ओर अभी से ध्यान देने की जरूरत है।

सूत्रों ने कहा कि सरकार ने किसानों से कपास की पूरी खरीद का वायदा किया है लेकिन जब तक देशी तेल-तिलहन का बाजार नहीं बनेगा तब तक किसी भी गारंटी का कोई सार्थक मतलब पूरा नहीं होगा।

सूत्रों ने कहा कि सोयाबीन तेल से ऊंचा दाम होने के कारण सीपीओ का आयात प्रभावित हुआ है। स्थिति यह है कि सीपीओ की काफी कमी है जिसकी आयात में महत्वपूर्ण हिस्सेदारी होती है। इन स्थितियों के बीच सीपीओ और पामोलीन तेल के दाम पूर्वस्तर पर बने रहे। यही स्थिति मूंगफली तेल-तिलहन के साथ है जिसके दाम एमएसपी से 5-7 प्रतिशत नीचे हैं। आगे जाकर इसकी आवक का दबाव और बढ़ेगा। मौजूदा ऊंचे दाम पर साधारण लिवाली के बीच मूंगफली तेल-तिलहन भी पूर्ववत बने रहे।

सूत्रों ने कहा कि सरकार ने आज प्रमुख तेल संगठनों से खाद्य तेलों के दाम बढ़ने का कारण जानना चाहा है और त्योहारों तक कीमतों में कोई बढ़ोतरी नहीं करने की ओर ध्यान देने को कहा है क्योंकि शुल्क मुक्त या कम शुल्क पर आयातित तेलों का देश में त्योहारी मौसम की जरूरत पूरा करने भर का स्टॉक मौजूद है। सूत्रों ने कहा कि जबतक सरकार तेल कारोबार की कंपनियों द्वारा अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) निर्धारित करने के फॉर्मूले को दुरुस्त नहीं करेगी और किसी पोर्टल पर एमआरपी की नियमित उद्घोषणा का निर्देश नहीं जारी करेगी, स्थिति ऐसी ही बनी रहेगी।

तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:

सरसों तिलहन – 6,600-6,650 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली – 6,350-6,625 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) – 15,100 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली रिफाइंड तेल – 2,270-2,570 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 13,850 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 2,160-2,260 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 2,160-2,275 रुपये प्रति टिन।

तिल तेल मिल डिलिवरी – 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 12,825 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 12,425 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 9,200 रुपये प्रति क्विंटल।

सीपीओ एक्स-कांडला- 11,550 रुपये प्रति क्विंटल।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 12,150 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 13,150 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन एक्स- कांडला- 12,250 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।

सोयाबीन दाना – 4,750-4,800 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन लूज- 4,525-4,660 रुपये प्रति क्विंटल।

मक्का खल (सरिस्का)- 4,225 रुपये प्रति क्विंटल।

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय