सरसों में गिरावट, मूंगफली में सुधार, बाकी पूर्वस्तर पर |

सरसों में गिरावट, मूंगफली में सुधार, बाकी पूर्वस्तर पर

सरसों में गिरावट, मूंगफली में सुधार, बाकी पूर्वस्तर पर

:   Modified Date:  July 6, 2024 / 09:16 PM IST, Published Date : July 6, 2024/9:16 pm IST

नयी दिल्ली, छह जुलाई (भाषा) आयातित खाद्य तेलों के सस्ते थोक दाम के आगे मांग कमजोर रहने के कारण घरेलू बाजारों में शनिवार को जहां सरसों तेल तिलहन के दाम में गिरावट आई वहीं उपलब्धता कम रहने के बीच छिटपुट मांग निकलने से मूंगफली तेल तिलहन के दाम में सुधार रहा। सुस्त कारोबार के बीच सोयाबीन तेल-तिलहन, कच्चा पामतेल (सीपीओ) एवं पामोलीन तेल तथा बिनौला तेल के भाव पूर्वस्तर पर बंद हुए। बाजार सूत्रों ने यह जानकारी दी।

बाजार सूत्रों ने कहा कि आयातित तेलों के सस्ते थोक दाम से देशी सभी तेल तिलहनों पर दवाब बना हुआ है। ऊंची लागत की वजह से कमजोर मांग के कारण सरसों तेल तिलहन में गिरावट आई। वहीं कम उपलब्धता के बीच छिटपुट मांग निकलने से मूंगफली तेल तिलहन के दाम मजबूत रहे। बाकी अन्य सभी खाद्य तेल तिलहन पूर्वस्तर पर बंद हुए।

उन्होंने कहा कि सरकार ने सरसों तेल में किसी अन्य तेल के मिश्रण (ब्लेंडिंग) पर रोक लगा दी है लेकिन बाकी तेल में इस तरह की ‘ब्लेंडिंग’ का रास्ता खुला हुआ है। उन्होंने कहा कि मौजूदा परिस्थिति में इस बात का खतरा है कि ऊंची लागत वाले देशी मूंगफली तेल (थोक दाम लगभग 140 रुपये लीटर खुदरा दाम लगभग 200 रुपये लीटर) में आयातित सूरजमुखी तेल (थोक दाम 88 रुपये लीटर जिसे लिवाल कम होने के बीच बैंकों का कर्ज लौटाने की वजह से आयातक बंदरगाहों पर घाटे के साथ 82 रुपये लीटर के भाव बेच रहे हैं) का लगभग 80 प्रतिशत मिश्रण किया जा सकता है। संबंधित प्राधिकारियों को गौर करना चाहिये कि यही 88 रुपये वाला आयातित तेल का बड़ी मात्रा में मूंगफली तेल के साथ मिश्रण कर उसे थोक बाजार में मूंगफली तेल का दाम ग्राहकों से वसूला जा सकता है। इसलिए सरकार को सरसों की ही तरह बाकी महंगी लागत वाले देशी खाद्यतेलों में मिश्रण करने पर रोक लगानी चाहिये।

उन्होंने कहा कि सरकार ने खाद्यतेलों में मिश्रण को अनुमति केवल खाद्यतेलों की कम उपलब्धता की वजह से दी थी और अब सरसों तेल में इस तरह के मिश्रण पर रोक भी है। मिश्रण की छूट इसलिए नहीं दी गई थी कि कोई कारोबारी सस्ते आयातित तेल के एवज में ग्राहकों से मंहगे देशी तेल की कीमत वसूल करे। इस ओर सरकार को ध्यान देना चाहिये।

तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:

सरसों तिलहन – 6,035-6,095 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली – 6,350-6,625 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) – 15,200 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली रिफाइंड तेल 2,280-2,580 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 11,675 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 1,900-2,000 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 1,900-2,025 रुपये प्रति टिन।

तिल तेल मिल डिलिवरी – 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 10,400 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 10,200 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 8,800 रुपये प्रति क्विंटल।

सीपीओ एक्स-कांडला- 8,625 रुपये प्रति क्विंटल।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 10,450 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 9,850 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन एक्स- कांडला- 8,900 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।

सोयाबीन दाना – 4,570-4,590 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन लूज- 4,380-4,500 रुपये प्रति क्विंटल।

मक्का खल (सरिस्का)- 4,085 रुपये प्रति क्विंटल।

भाषा राजेश राजेश माधव

माधव

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)