एमएसएमई, छोटे कारोबारी अनिवार्य एक प्रतिशत नकद जीएसटी भुगतान नियम से नहीं होंगे प्रभावित

एमएसएमई, छोटे कारोबारी अनिवार्य एक प्रतिशत नकद जीएसटी भुगतान नियम से नहीं होंगे प्रभावित

एमएसएमई, छोटे कारोबारी अनिवार्य एक प्रतिशत नकद जीएसटी भुगतान नियम से नहीं होंगे प्रभावित
Modified Date: November 29, 2022 / 08:40 pm IST
Published Date: December 27, 2020 2:32 pm IST

नयी दिल्ली, 27 दिसंबर (भाषा) वित्त मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि जीएसटी देनदारी का कम से कम एक प्रतिशत नकद भुगतान करने के नए सरकारी नियम से छोटे कारोबारी और डीलर प्रभावित नहीं होंगे, क्योंकि यह नया नियम छह करोड़ रुपये अथवा इससे अधिक के वार्षिक कारोबार पर ही लागू होंगा।

वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से बचने के लिए नकली चालान के बड़े पैमाने पर इस्तेमाल के मामले सामने आने के बाद केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने पिछले सप्ताह नियमों में संशोधन करते हुए 50 लाख रुपये या इससे अधिक मासिक कारोबार वाले व्यवसायों के लिए कम से कम एक प्रतिशत जीएसटी देनदारी का नकद भुगतान अनिवार्य कर दिया था।

सूत्रों ने कहा कि यह नियम कुल 1.2 करोड़ जीएसटी करदाताओं में से सिर्फ 45,000 करदाताओं पर ही लागू होते हैं और ईमानदार डीलरों और व्यवसायों पर इसका कोई असर नहीं होगा।

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उन्होंने कहा कि नया नियम नकली चालान के इस्तेमाल की जांच के लिए लाया गया है ताकि गलत तरीके से इनपुट लागत पर कर रिफंड न लिया जा सके।

सूत्रों ने कहा कि इस नियम से नकली चालान बनाकर धोखाधड़ी करने वालों पर रोकथाम लगेगी, जो भारी टर्नओवर दिखाते हैं, जबकि उनकी कोई वित्तीय विश्वसनीयता नहीं है। इस तरह वे नकली चालान जारी करके आईटीसी का दुरुपयोग करते हैं।

उन्होंने कहा कि यह प्रावधान धोखेबाजों के खिलाफ एक बहुत ही बढ़िया नियम है, जबकि इससे ईमानदार व्यापार संस्थाओं या कारोबारी सुगमता पर कोई असर नहीं होगा।

भाषा

पाण्डेय महाबीर

महाबीर


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