निर्यातकों को वित्तीय और लॉजिस्टिक सहयोग के लिए फियो, क्रेडलिक्स में समझौता

निर्यातकों को वित्तीय और लॉजिस्टिक सहयोग के लिए फियो, क्रेडलिक्स में समझौता

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  • Publish Date - January 22, 2025 / 05:26 PM IST,
    Updated On - January 22, 2025 / 05:26 PM IST

नयी दिल्ली, 22 जनवरी (भाषा) भारतीय निर्यातकों के शीर्ष संगठन फियो ने उनकी वृद्धि को गति देने और उनकी वैश्विक उपस्थिति को मजबूत करने के लिए आपूर्ति शृखंला वित्तीय समाधान प्रदान करने वाली प्रमुख वैश्विक कंपनी क्रेडलिक्स के साथ समझौता किया है।

फियो ने बुधवार को एक बयान में कहा कि यह सहयोग निर्यातकों को नवीन वित्तीय समाधान, लॉजिस्टिक सहयोग और अन्य महत्वपूर्ण संसाधन उपलब्ध कराते हुए अंतरराष्ट्रीय व्यापार को सुव्यवस्थित करने में मदद करेगा।

इस साझेदारी का उद्देश्य निर्यातकों के सामने आने वाली प्रमुख चुनौतियों का समाधान करना है। इसके तहत विभिन्न पहलों में कार्यशालाएं, प्रशिक्षण, वित्त पोषण सलाह और जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी सहायता शामिल है।

क्रेडलिक्स के संस्थापक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) राहुल गर्ग ने बयान में कहा, “हमें भारतीय निर्यातकों को वृद्धि और आत्मनिर्भरता के मार्ग पर सशक्त बनाने के लिए फियो के साथ सहयोग करने पर गर्व है। यह साझेदारी प्रमुख व्यापार चुनौतियों पर काबू पाने के लिए हमारी साझा प्रतिबद्धता को दर्शाती है। अभिनव वित्तीय और लॉजिस्टिक सहायता के माध्यम से हमारा लक्ष्य निर्यात संचालन को सरल बनाना और व्यवसायों को वैश्विक बाजारों में एक मजबूत उपस्थिति स्थापित करने में मदद करना है।”

इस साझेदारी में क्रेडलिक्स की ओर से प्रौद्योगिकी और लॉजिस्टिक समाधान शामिल हैं। इसमें भंडारण और आपूर्ति शृंखला प्रबंधन शामिल है। इसका मकसद निर्यातकों की परिचालन संबंधी बाधाओं को दूर करना है। फियो इस पहल को सक्रिय रूप से बढ़ावा देगा, निर्यातकों की भागीदारी को प्रोत्साहित करेगा और जटिल वैश्विक बाजारों में कारोबारियों का मार्गदर्शन करेगा।

फियो के महानिदेशक और सीईओ डॉ. अजय सहाय ने कहा, “क्रेडलिक्स के साथ यह सहयोग ‘आत्मनिर्भर भारत’ के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने और इसके निर्यात क्षेत्र को मजबूत करने में एक मील का पत्थर है। छोटी और मझोली कंपनियों (एसएमई) को वित्तीय और लॉजिस्टिक संसाधन प्रदान करके हमारा लक्ष्य उन्हें बाधाओं को दूर करने, परिचालन दक्षता बढ़ाने और अंतरराष्ट्रीय व्यापार में अवसरों को भुनाने में मदद करना है।”

भाषा अनुराग रमण

रमण

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