मलेशिया बाजार में मजबूती के बीच अधिकांश तेल-तिलहन के दाम में तेजी |

मलेशिया बाजार में मजबूती के बीच अधिकांश तेल-तिलहन के दाम में तेजी

मलेशिया बाजार में मजबूती के बीच अधिकांश तेल-तिलहन के दाम में तेजी

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Modified Date: November 29, 2024 / 07:06 PM IST
Published Date: November 29, 2024 7:06 pm IST

नयी दिल्ली, 29 नवंबर (भाषा) मलेशिया एक्सचेंज में कच्चा पामतेल (सीपीओ) एवं पामोलीन तेल का दाम निरंतर मजबूत होने के बीच शुक्रवार को देश के प्रमुख बाजारों में अधिकतम तेल-तिलहनों के दाम में सुधार आया तथा सरसों तेल-तिलहन, सोयाबीन तेल, सीपीओ एवं पामोलीन तथा बिनौला तेल के दाम मजबूत हुए।

सोयाबीन डी-आयल्ड केक (डीओसी) की निर्यात मांग पहले से कमजोर है। इस बीच वायदा कारोबार में बिनौला खल का दाम टूटने से बाजार धारणा प्रभावित होने के कारण डीओसी की मांग और प्रभावित हुई है जिसके कारण सोयाबीन तिलहन के दाम में गिरावट आई। मूंगफली तेल-तिलहन के दाम पूर्वस्तर पर बंद हुए।

कल की छुट्टी के बाद शिकागो एक्सचेंज कारोबार के लिए रात आठ बजे खुलेगा। लेकिन मलेशिया एक्सचेंज दोपहर 3.30 बजे लगभग तीन प्रतिशत मजबूत बंद हुआ है जिसकी वजह से सीपीओ और पामोलीन तेल के दाम में मजबूती रही। इस मजबूती का असर बाकी तेल-तिलहन कीमतों पर भी आया। जिसके कारण सरसों तेल-तिलहन, सोयाबीन तेल, बिनौला जैसे देशी ऊपज के दाम में भी तेजी देखी गई।

बाजार सूत्रों ने कहा कि मलेशिया एक्सचेंज में सट्टेबाजी चलने की संभावना हो सकती है क्योंकि निरंतर वहां दाम मजबूत हो रहे हैं। नौबत यहां तक आ गई है कि पामोलीन तेल के दाम मूंगफली से भी अधिक हो चला है। पामोलीन की इस तेजी की वजह से देश में होने वाले खाद्यतेलों का आयात प्रभावित होगा क्योंकि पामोलीन मंहगा होने से इसका आयात घटेगा और इसकी पूर्ति किस लागत अनुकूल खाद्यतेल से होगी, इस पर विचार करने की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि देश में महीने में लगभग नौ लाख टन सीपीओ और पामोलीन तेल का आयात होता है। जबकि महीने में लगभग 2.5 लाख टन सूरजमुखी तेल का आयात होता है। वहीं सॉफ्ट आयल का आयात 5-6 लाख टन का होता है। इस नौ लाख टन खाद्यतेल की आपूर्ति किस खाद्यतेल से की जायेगी, इस पर गौर करना होगा।

सूत्रों ने कहा कि मौजूदा स्थिति फिर इस जरुरत को रेखांकित करती है कि खाद्यतेलों के लिए आयात पर निर्भरता बेहद प्रतिकूल है। हमें अपने तेल-तिलहन उत्पादन को बढाने तथा तेल-तिलहन कारोबार पर सट्टेबाजी के असर को खत्म करने के लिए वायदा कारोबार में खाद्यतेलों के कारोबार को प्रतिबंधित रखना चाहिये।

निर्यात की मांग कमजोर रहने के बीच मूंगफली तेल-तिलहन के भाव पूर्वस्तर पर बने रहे।

तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:

सरसों तिलहन – 6,600-6,650 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली – 6,100-6,475 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) – 14,100 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली रिफाइंड तेल – 2,130-2,430 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 13,700 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 2,270-2,370 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 2,270-2,395 रुपये प्रति टिन।

तिल तेल मिल डिलिवरी – 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 13,700 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 13,700 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 9,875 रुपये प्रति क्विंटल।

सीपीओ एक्स-कांडला- 12,800 रुपये प्रति क्विंटल।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 12,700 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 14,250 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन एक्स- कांडला- 13,200 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।

सोयाबीन दाना – 4,475-4,525 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन लूज- 4,175-4,210 रुपये प्रति क्विंटल।

मक्का खल (सरिस्का)- 4,100 रुपये प्रति क्विंटल।

भाषा राजेश राजेश रमण

रमण

 

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