एमएसपी से कम दाम पर बिकवाली घटाने से ज्यादातर तेल-तिलहन में सुधार

एमएसपी से कम दाम पर बिकवाली घटाने से ज्यादातर तेल-तिलहन में सुधार

एमएसपी से कम दाम पर बिकवाली घटाने से ज्यादातर तेल-तिलहन में सुधार
Modified Date: August 27, 2024 / 06:55 pm IST
Published Date: August 27, 2024 6:55 pm IST

नयी दिल्ली, 27 अगस्त (भाषा) किसानों द्वारा सोयाबीन सहित कुछ अन्य तिलहनों की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से कम दाम पर बिकवाली से बचने के कारण देश के तेल-तिलहन बाजार में मंगलवार को अधिकांश तेल-तिलहनों में मजबूती दिखी तथा सरसों, और सोयाबीन तेल-तिलहन, कच्चा पामतेल (सीपीओ) एवं पामोलीन तथा बिनौला तेल सुधार के साथ बंद हुए। ऊंचे दाम के कारण कारोबार प्रभावित रहने से मूंगफली तेल-तिलहन के दाम पूर्वस्तर पर बंद हुए।

मलेशिया एक्सचेंज में घट-बढ़ का रुख है जबकि शिकॉगो एक्सचेंज में मामूली सुधार है।

सूत्रों ने कहा कि कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वाणिज्य मंत्रालय से सोयाबीन सहित कुछ अन्य तिलहन फसलों की जल्द ही बाजार में आवक शुरू होने की स्थिति के बीच किसानों के हितों की रक्षा के लिए आयातित खाद्य तेलों पर आयात शुल्क बढ़ाने को कहा है ताकि किसानों को एमएसपी मिल सके।

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सूत्रों ने कहा कि मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में किसान एमएसपी से कम दाम पर सोयाबीन की बिक्री का विरोध कर रहे हैं और उनका कहना है कि अब नये बढ़े हुए एमएसपी लागू हो गये हैं और उनकी फसल के दाम पुराने एमएसपी से भी कम लगाये ज रहे हैं।

उन्होंने कहा कि हालांकि देश में सूरजमुखी की पैदावार काफी कम रह गई है फिर भी इसका नया एमएसपी 7,260 रुपये क्विंटल है जबकि हाजिर बाजार में 4,500-4,700 रुपये क्विंटल के भाव भी इसके लिए लिवाल नहीं मिल रहे हैं। जब आयातित सूरजमुखी तेल पहले के मुकाबले लगभग आधे दाम पर बाजार में उपलब्ध होगा तो यहां की महंगे दाम वाली सूरजमुखी कौन खरीदेगा?

सूत्रों ने कहा कि आयातित तेलों के केवल थोक दाम सस्ते हुए हैं पर खुदरा में वह महंगा बना हुआ है। इसलिए जरूरी हो चला है कि देशी तेल-तिलहनों के बाजार में खपने की स्थिति तैयार करने के लिए आयातित तेलों पर आयात शुल्क में वृद्धि की जाये। कम से कम इससे सरकार को राजस्व का तो नुकसान नहीं होगा लेकिन इससे देशी तेल-तिलहनों के खपने की स्थिति बनेगी। अगर खाद्य तेलों के सस्ते की गांरटी करनी हो तो राशन की दुकानों के जरिये वितरण करके इस उद्देश्य को भी हासिल किया जा सकता है।

तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:

सरसों तिलहन – 6,200-6,240 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली – 6,500-6,775 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) – 15,450 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली रिफाइंड तेल 2,315-2,615 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 12,150 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 1,945-2,045 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 1,945-2,070 रुपये प्रति टिन।

तिल तेल मिल डिलिवरी – 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 10,525 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 10,150 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 8,750 रुपये प्रति क्विंटल।

सीपीओ एक्स-कांडला- 9,250 रुपये प्रति क्विंटल।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 9,825 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 10,425 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन एक्स- कांडला- 9,525 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।

सोयाबीन दाना – 4,560-4,590 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन लूज- 4,370-4,495 रुपये प्रति क्विंटल।

मक्का खल (सरिस्का)- 4,175 रुपये प्रति क्विंटल।

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय


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