विदेशी बाजारों में तेजी से अधिकांश तेल-तिलहन कीमतों में सुधार

विदेशी बाजारों में तेजी से अधिकांश तेल-तिलहन कीमतों में सुधार

विदेशी बाजारों में तेजी से अधिकांश तेल-तिलहन कीमतों में सुधार
Modified Date: August 20, 2024 / 09:41 pm IST
Published Date: August 20, 2024 9:41 pm IST

नयी दिल्ली, 20 अगस्त (भाषा) विदेशी बाजारों में तेजी की वजह से देश के खाद्य तेल-तिलहन बाजार में मंगलवार को मूंगफली तेल-तिलहन को छोड़कर बाकी सभी (सरसों एवं सोयाबीन तेल-तिलहन, कच्चा पामतेल (सीपीओ) एवं पामोलीन तथा बिनौला तेल) के दाम सुधार के साथ बंद हुए। महंगे दाम के कारण मूंगफली तेल-तिलहन के दाम पूर्वस्तर पर बने रहे।

शिकॉगो एक्सचेंज कल रात मजबूत बंद हुआ था और फिलहाल यहां तेजी है जबकि मलेशिया एक्सचेंज में सुधार का रुख है।

सूत्रों ने कहा कि महंगा होने के कारण मांग प्रभावित रहने से मूंगफली तेल-तिलहन के दाम पूर्ववत रहे।

 ⁠

उन्होंने कहा कि सरसों और सोयाबीन की थोड़ी त्योहारी मांग भी है। विदेशों में मजबूती के कारण भी सोयाबीन तेल-तिलहन के दाम मजबूत रहे। सहकारी संस्था नाफेड की सरसों बिक्री भी एक सीमित मात्रा में हो रही है क्योंकि खरीदने वालों को पेराई के बाद इसके महंगे दाम पर बिकने को लेकर थोड़ी समस्या हो सकती है।

कृषि मंत्रालय द्वारा आज जारी किये गये बुवाई के आंकड़े बताते हैं कि कपास खेती के रकबे में कमी आई है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, तिलहन की बुवाई का रकबा इस खरीफ सत्र में अबतक मामूली रूप से बढ़कर 186.77 लाख हेक्टेयर हो गया, जो एक साल पहले समान अवधि में 185.13 लाख हेक्टेयर था। लेकिन कपास खेती का रकबा 122.15 लाख हेक्टेयर से घटकर 111.07 लाख हेक्टेयर रह गया है।

सूत्रों ने कहा कि पहले कारोबारियों और तेल उद्योग को जो सरकार की ओर से तेल-तिलहन कारोबार पर आयातित तेलों के प्रभाव को रोकने को लेकर किसी पहल की उम्मीद की जा रही थी, वह अब धूमिल होने लगी है जो देश के तेल-तिलहन उद्योग के लिए बेहद नुकसानदायक हो सकता है।

सूत्रों ने कहा कि अगर किसी सामान्य इंसान से भी पूछा जाये तो वह साफ बता सकता है कि आयातित तेल (थोक दाम-लगभग 85 रुपये लीटर) के आगे देशी खाद्य तेल (थोक दाम-125 से 150 रुपये लीटर) कभी किसी सूरत में नहीं खपेगा। इस वजह से इस बार भी सरसों, सोयाबीन, मूंगफली, बिनौला आदि का काफी ‘कैरी फार्वर्ड’ (पहले का बचा) स्टॉक रह जाने की भरपूर आशंका है।

तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:

सरसों तिलहन – 6,000-6,040 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली – 6,425-6,700 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) – 15,350 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली रिफाइंड तेल 2,290-2,590 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 11,725 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 1,890-1,990 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 1,890-2,015 रुपये प्रति टिन।

तिल तेल मिल डिलिवरी – 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 10,150 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 9,850 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 8,450 रुपये प्रति क्विंटल।

सीपीओ एक्स-कांडला- 8,825 रुपये प्रति क्विंटल।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 9,625 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 10,000 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन एक्स- कांडला- 9,125 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।

सोयाबीन दाना – 4,330-4,360 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन लूज- 4,140-4,265 रुपये प्रति क्विंटल।

मक्का खल (सरिस्का)- 4,150 रुपये प्रति क्विंटल।

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय


लेखक के बारे में