आयात शुल्क मूल्य में वृद्धि से अधिकांश तेल-तिलहन कीमतों में सुधार |

आयात शुल्क मूल्य में वृद्धि से अधिकांश तेल-तिलहन कीमतों में सुधार

आयात शुल्क मूल्य में वृद्धि से अधिकांश तेल-तिलहन कीमतों में सुधार

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Modified Date: December 14, 2024 / 08:23 PM IST
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Published Date: December 14, 2024 8:23 pm IST

नयी दिल्ली, 14 दिसंबर (भाषा) आयात शुल्क मूल्य में वृद्धि से देश के प्रमुख बाजारों में शुक्रवार को सरसों एवं सोयाबीन तेल-तिलहन, कच्चा पामतेल (सीपीओ) एवं पामोलीन तेल तथा बिनौला तेल के दाम में वृद्धि देखी गई और कीमतें सुधार दर्शाती बंद हुई। दूसरी ओर मूंगफली एवं सोयाबीन की आवक घटने बावजूद इनके दाम पर कोई असर नहीं आया और मूंगफली तेल-तिलहन की कीमत पूर्वस्तर पर बंद हुई।

बाजार सूत्रों ने बताया कि सरकार के द्वारा कल रात आयात शुल्क में वृद्धि की गई। सीपीओ के आयात शुल्क मूल्य में 92 रुपये प्रति क्विंटल, पामोलीन में 138 रुपये प्रति क्विंटल और सोयाबीन डीगम के आयात शुल्क मूल्य में 19 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की गई है। इस वृद्धि के बाद पाम, पामोलीन के दाम और मंहगे होंगे। जब ये दोनों तेल पहले के भाव पर नहीं खप रहे थे, तो और बढ़े हुए भाव पर इनका खपना नामुमकिन नजर आ रहा है।

सूत्रों ने कहा कि तेल-तिलहन पर होने वाली परिचर्चाओं में कुछ विशेषज्ञ खाद्यतेल संगठनों के आयात निर्यात आंकड़ों का हवाला देते हुए देश में नवंबर के महीने में 39 प्रतिशत आयात बढ़ने की बात रखते दीखते हैं। खरीफ मौसम में देश के खाद्य तिलहनों की नयी ऊपज आती है और ऐसे में तो देश का आयात कम होना चाहिये। और अगर आयात बढ़ा है तो इसका मतलब है कि देश का तेल-तिलहन खप नहीं रहा है।

उन्होंने कहा कि देश में सरसों, सोयाबीन, मूंगफली लबालब भरा हुआ है और ऐसे में आयात बढ़ना कहीं से ठीक नहीं है। तेल-तिलहन संगठनों को इस दोषपूर्ण परिस्थिति के बारे में सरकार को आगह करना चाहिये ना कि उनकी सिर्फ आयात-निर्यात के आंकड़े भर देने की जिम्मेदारी है।

उन्होंने कहा कि सरसों की आवक घटकर 1.20-1.25 लाख बोरी रह गई। इसी प्रकार कपास की आवक दो लाख गांठ से घटकर लगभग 1.35 लाख गांठ रह गई। कपास का इस बार उत्पादन भी कम है और मजबूत किसान इसे बेचने की जल्दबाजी नहीं करेगा।

तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:

सरसों तिलहन – 6,500-6,550 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली – 5,975-6,300 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) – 14,450 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली रिफाइंड तेल – 2,180-2,480 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 13,525 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 2,260-2,360 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 2,260-2,385 रुपये प्रति टिन।

तिल तेल मिल डिलिवरी – 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 13,500 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 13,250 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 9,450 रुपये प्रति क्विंटल।

सीपीओ एक्स-कांडला- 13,150 रुपये प्रति क्विंटल।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 12,150 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 14,400 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन एक्स- कांडला- 13,400 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।

सोयाबीन दाना – 4,225-4,275 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन लूज- 3,925-4,025 रुपये प्रति क्विंटल।

मक्का खल (सरिस्का)- 4,100 रुपये प्रति क्विंटल।

भाषा राजेश राजेश पाण्डेय

पाण्डेय

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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