नयी दिल्ली, 19 जनवरी (भाषा) इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) खंड में अधिक कंपनियों के प्रवेश से बाधाओं को तोड़ने और भारतीय बाजार में इलेक्ट्रिक परिवहन की स्वीकार्यता में तेजी लाने में मदद मिलेगी। प्रमुख वाहन निर्माताओं ने यह उम्मीद जताई है।
उन्होंने कहा कि अधिक उत्पाद पेश किए जाने से प्रतिस्पर्धा के साथ विविध ग्राहक जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी जिससे बाजार का विस्तार होगा।
विभिन्न वाहन विनिर्माताओं के शीर्ष अधिकारियों ने कहा कि यात्री वाहन बाजार की अग्रणी कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया की ई-विटारा और हुंदै मोटर इंडिया की क्रेटा इलेक्ट्रिक की घोषणा से भारत में बिजलीचालित वाहनों के बारे में नकारात्मक धारणा को बदलने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि विभिन्न कंपनियों और खंडों में भारतीय वाहन उद्योग की एकीकृत आवाज से इलेक्ट्रिक अपनाने की दिशा में बेहतर परिवर्तन और तेजी लाने में मदद मिलेगी।
मर्सिडीज-बेंज इंडिया के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) संतोष अय्यर ने पीटीआई-भाषा से कहा, “ईवी (पहले) पर सामान्य कथन थोड़ा नकारात्मक पक्ष पर था, जिसमें बहुत सारे सवाल थे। आज, सभी मूल उपकरण विनिर्माताओं के पास अब एक विश्वसनीय ईवी पोर्टफोलियो है, और वे सभी बेचना चाहते हैं। मुझे लगता है कि ईवी पर कथन बदल जाएगा, और ईवी के मालिक होने के वास्तविक लाभ अब एक समान होंगे।”
टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स और टाटा पैसेंजर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के प्रबंध निदेशक शैलेश चंद्रा ने कहा, “जब सभी विनिर्माता आ गए हैं, तो इसमें कोई संदेह नहीं है कि यदि सभी ओईएम इलेक्ट्रिक वाहन की ओर जा रहे हैं, तो संभवतः अब वे (ग्राहक) आश्वस्त महसूस करते हैं कि यह संभवतः भविष्य की तकनीक है और केवल एक विनिर्माता द्वारा समर्थित नहीं है और इससे आत्मविश्वास में वृद्धि होनी चाहिए। आत्मविश्वास से बाजार का विस्तार होना चाहिए।”
प्रतिस्पर्धा बढ़ने पर उन्होंने कहा, “यह प्रतिस्पर्धा अच्छी बात है, क्योंकि इससे बाजार का विस्तार होगा।”
चंद्रा ने कहा कि पिछले एक साल से ईवी क्षेत्र दबाव में था क्योंकि “विश्व स्तर पर हर कोई इलेक्ट्रिक वाहनों के बारे में बहुत नकारात्मक तरीके से बात कर रहा था। इसलिए, एक उपभोक्ता के रूप में आप भ्रमित हो जाएंगे कि क्या यह सही समय है, या यहां तक कि मुझे इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने पर भी विचार करना चाहिए या नहीं।”
उन्होंने कहा कि नई पेशकश के साथ ही इस बारे में सामूहिक शोर होगा और अगर कई लोग इलेक्ट्रिक वाहनों के बारे में बात कर रहे हैं, तो इससे उपभोक्ताओं को काफी बढ़ावा मिलेगा और जागरूकता आएगी, जिससे बाजार का विस्तार होना चाहिए।
बीवाईडी इंडिया के इलेक्ट्रिक यात्री वाहन (ईपीवी) कारोबार के प्रमुख राजीव चौहान ने कहा, “इसे देखते हुए हमारा मानना है कि भारत की सबसे बड़ी विनिर्माता कंपनी (मारुति) के प्रवेश के साथ, एसयूवी खंड में सबसे ज्यादा बिकने वाली कार (क्रेटा) के इलेक्ट्रिक संस्करण के आने से, तीसरे नंबर की कंपनी (टाटा मोटर्स) के इस वर्ग में अपना पोर्टफोलियो बढ़ाने से इस (ईवी खंड) में बहुत तेजी से वृद्धि होने की उम्मीद है।”
भारत में ईवी बाजार की स्थिति के बारे में आशावादी महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड के कार्यकारी निदेशक और सीईओ (वाहन और कृषि क्षेत्र) राजेश जेजुरिकर ने कहा कि जैसे-जैसे अधिक लोग इसमें शामिल होंगे, पारिस्थितिकी तंत्र तेजी से विकसित होने लगेगा और अधिक उत्पाद उन बाधाओं को तोड़ेंगे।
उन्होंने कहा, “इसलिए मुझे लगता है कि 2025 उस अवधि की शुरुआत है जहां अगले दो-तीन वर्षों में हम महत्वपूर्ण ईवी पैठ देखना शुरू कर देंगे क्योंकि अधिक कंपनियां, उत्पाद होंगे।”
वाणिज्यिक वाहनों की श्रेणी में, जेबीएम इलेक्ट्रिक व्हीकल्स ने लक्जरी कोच गैलेक्सी सहित चार नई इलेक्ट्रिक बसें पेश कीं, जबकि ईकेए मोबिलिटी ने अपने उत्पाद पोर्टफोलियो का विस्तार करने के उद्देश्य से एक इलेक्ट्रिक ट्रक और एक छह-सीटर सार्वजनिक परिवहन वाहन का अनावरण किया।
वाहन प्रदर्शनी के पहले दिन मारुति सुजुकी ने अपना पहला बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन विटारा पेश किया। हुंदै मोटर ने भी क्रेटा इलेक्ट्रिक को पेश किया, जिससे इस खंड में उत्पाद शृंखला का विस्तार हुआ।
वर्तमान में, प्रमुख घरेलू कंपनी टाटा मोटर्स और महिंद्रा एंड महिंद्रा घरेलू ईवी यात्री वाहन खंड में अग्रणी हैं।
केंद्रीय भारी उद्योग एवं इस्पात मंत्री एच डी कुमारस्वामी के अनुसार, भारत में कुल इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री 2024 में 14.08 लाख इकाइयों को पार कर गई, जिससे बाजार पहुंच बढ़कर 5.59 प्रतिशत हो गई, जो पिछले वर्ष 4.44 प्रतिशत थी।
भाषा अनुराग अजय
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