मुंबई, 22 अक्टूबर (भाषा) बीमा क्षेत्र के नियामक इरडा के चेयरमैन देबाशीष पांडा ने मंगलवार को इस क्षेत्र में बड़ी कंपनियों को अधिक संख्या में शामिल होने के लिए आमंत्रित करते हुए कहा कि भारतीय बाजार में वृद्धि के अच्छे अवसर मौजूद हैं।
इसके साथ ही पांडा ने कहा कि नियामक अधिक पारदर्शिता और सूचनाएं लाने के लिए अधिक कंपनियों को पूंजी बाजार में सूचीबद्ध होने के लिए ‘प्रेरित’ कर रहा है जिसका फायदा शेयरधारकों और पूरे क्षेत्र को होगा।
भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) के प्रमुख पांडा ने स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की दर में कटौती से जुड़ी चर्चाओं पर सीधी टिप्पणी करने से परहेज करते हुए इसे अपने दायरे से बाहर बताया।
हालांकि, पांडा ने कहा कि बीमा नियामक यह सुनिश्चित करना चाहेगा कि बीमा कवर अधिक किफायती हों ताकि पहुंच बढ़ाने में मदद मिले। लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि ऐसा करने के लिए करों में कटौती एकमात्र तरीका नहीं है।
पांडा ने उद्योग मंडल भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि 1.4 अरब से अधिक आबादी को देखते हुए बीमा कंपनियों की कुल संख्या 70 से अधिक होने पर भी अवसर मौजूद हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस मंच के माध्यम से अनुरोध करता हूं कि अन्य समूह और अन्य बड़े समूह भारत में बीमा क्षेत्र में प्रवेश करें। भारत में इस क्षेत्र में यह बहुत ही रोमांचक समय है।’’
पांडा ने यह भी कहा कि इस क्षेत्र में प्रवेश करने की प्रक्रिया अब सहज है और दावा किया कि जमीनी स्थिति ऐसी है कि नियामकीय मंजूरी के लिए कम समय की जरूरत होती है।
इरडा चेयरमैन ने कहा कि नियामक इस क्षेत्र में एकीकरण से ज्यादा ध्यान उद्योग में सक्रिय कंपनियों की संख्या बढ़ाने पर दे रहा है। हाल ही में जापान, यूरोप और अमेरिका में रोडशो आयोजित कर वैश्विक निवेशकों को भारतीय बीमा क्षेत्र में मौजूद अवसरों के बारे में बताया गया।
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