सरकारी बैंकों के वरिष्ठ कार्यकारियों के लिए प्रदर्शन आधारित प्रोत्साहन योजना में संशोधन

सरकारी बैंकों के वरिष्ठ कार्यकारियों के लिए प्रदर्शन आधारित प्रोत्साहन योजना में संशोधन

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  • Publish Date - November 20, 2024 / 07:24 PM IST,
    Updated On - November 20, 2024 / 07:24 PM IST

नयी दिल्ली, 20 नवंबर (भाषा) सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में वरिष्ठ कार्यकारियों के लिए प्रदर्शन आधारित संशोधित प्रोत्सोहन योजना जारी की है। इसके मानदंडों में संपत्ति पर रिटर्न और गैर-निष्पादित परिसंपत्ति का स्तर आदि शामिल है।

योजना के लिए बैंकों की पात्रता का आकलन सरकार द्वारा नियुक्त समिति चार मापदंडों के आधार पर करेगी। इसमें संपत्ति पर रिटर्न सकारात्मक होना चाहिए और शुद्ध गैर-निष्पादित संपत्तियां (एनपीए) कम होनी चाहिए।

वित्त मंत्रालय ने एक परिपत्र में कहा कि यह योजना वित्त वर्ष 2023-24 से प्रभावी होगी। इसका उद्देश्य विभिन्न पक्षों के लिए महत्वपूर्ण मूल्य सृजन को लेकर कर्मचारियों को पुरस्कृत और प्रेरित करना है।

वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) के सचिव की अध्यक्षता वाली समिति में अतिरिक्त सचिव (डीएफएस), संयुक्त सचिव (बैंक) और भारतीय बैंक संघ (आईबीए) के मुख्य कार्यकारी सदस्य होंगे।

परिपत्र के अनुसार, समिति प्रदर्शन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) मूल्यांकन अवधि के लिए बैंकों में संचालन व्यवस्था का आकलन करेगी। यह आकलन नियमों के उल्लंघन के गंभीर मामलों, गड़बड़ियों आदि के संबंध में किया जाएगा।

इसमें कहा गया, ‘‘समिति मूल्यांकन के बाद उन बैंकों की सूची बनाएगी जो पीएलआई योजना के तहत विचार करने के योग्य होंगे। समिति पीएलआई योजना के लिए अधिकारियों की पात्रता पर भी निर्णय ले सकती है।‘‘

परिपत्र के अनुसार, राष्ट्रीयकृत बैंकों के कार्यकारी निदेशक और प्रबंध निदेशक और एसबीआई के उप प्रबंध निदेशक, प्रबंध निदेशक और चेयरमैन के लिए पीएलआई वार्षिक मूल वेतन का 100 प्रतिशत तक हो सकता है।

इसमें बैंकों के लिए पीएलआई योजना संचालित करने के लिए पात्र होने को लेकर संपत्ति पर सकारात्मक रिटर्न सहित चार मानदंड भी निर्धारित किये गये हैं। बैंकों को चार में से कम से कम तीन मानदंडों को पूरा करना होगा। परिपत्र पीएलआई से संबंधित अगस्त, 2018 मानदंडों को संशोधित करता है।

भाषा रमण अजय

अजय