नयी दिल्ली, 15 मई (भाषा) केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सक्रिय भूमिका और व्यक्तिगत निगरानी ढांचागत क्षेत्र की तस्वीर बदलने के लिए जिम्मेदार है जबकि पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार में नीतिगत निष्क्रियता होने से इस क्षेत्र को नुकसान उठाना पड़ा था।
सीतारमण ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर अपनी एक पोस्ट में ढांचागत क्षेत्र पर समुचित ध्यान न देने के लिए कांग्रेस की अगुवाई वाली पूर्ववर्ती संप्रग सरकार पर निशाना साधा।
उन्होंने कहा कि 2004-14 के शासनकाल में संप्रग ने भारत की आर्थिक वृद्धि संभावनाओं को व्यर्थ कर दिया और प्रभावी ढांचागत विकास पर ध्यान न देकर देश को ‘पांज नाजुक’ अर्थव्यवस्थाओं में धकेल दिया।
वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘संप्रग के तहत भारत की आर्थिक जरूरतों के लगभग सभी पहलुओं का कुप्रबंधन किया गया या उन्हें नजरअंदाज कर दिया गया।’’
उन्होंने कहा कि संप्रग सरकार ने बुनियादी ढांचे के निर्माण पर ध्यान न देकर भारत को न केवल बहुत जरूरी सड़कों, रेलवे, बिजली से वंचित कर दिया, बल्कि इसने भारत की दीर्घकालिक आर्थिक क्षमता को भी नजरअंदाज किया।
हालांकि, उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की सक्रिय भूमिका ने बुनियादी ढांचे में बदलाव को संभव बना दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने प्रगति मंच के जरिये इन परियोजनाओं की प्रगति की व्यक्तिगत तौर पर निगरानी की है, पहले शुरू की गई परियोजनाओं की भी। इससे लंबे समय से लटकी परियोजनाएं सफलतापूर्वक पूरी हुईं।’’
इसके साथ ही सीतारमण ने मोदी सरकार के समय सार्वजनिक पूंजीगत व्यय में हुई बढ़ोतरी का भी उल्लेख करते हुए कहा कि इससे न केवल सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि को बढ़ावा मिलता है बल्कि यह अर्थव्यवस्था की दीर्घकालिक सक्षमता को भी सुधारती है।
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