नई दिल्ली: Modi Govt Threats for Ban Twitter केंद्र की मोदी सरकार हमेशा से कड़े और बड़े फैसले लेने के लिए जानी जाती है, लेकिन किसान आंदोलन के बाद सरकार को घुटने टेकने पड़े थे। किसानों ने तीनों कृषि कानून को लेकर लगभग एक साल तक प्रदर्शन किया था। इस दौरान उन्होंने अपनी बात रखने के लिए सोशल मीडिया का भी सहारा लिया था। लेकिन इस बीच ट्विटर के पूर्व सीईओ जैक डोर्सी ने एक सनसनीखेज खुलासा किया है। जैक डोर्सी का कहना है कि किसान आंदोलन के समय सरकार का विरोध करने वालों के ट्विटर अकाउंट को ब्लॉक करने का निर्देश दिया गया था। इतना ही नहीं सरकार ने ये भी कहा था कि अगर ट्विटर की ओर से ऐसा नहीं किया गया तो भारत में सोशल मीडिया प्लेटफार्म ट्विटर को बैन किया जा सकता है।
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Modi Govt Threats for Ban Twitter मिली जानकारी के अनुसार जैक डोर्सी ने एक नामी यूट्यूब चैनल को हाल ही में इंटरव्यू दिया है। इस दौरान उनसे देश दुनिया के सोशल मीडिया यूजर्स के बारे में कई सवाल पूछे गए। वहीं, उनसे इस दौरान जब ये पूछा गया कि क्या कभी किसी सरकार की ओर से ट्विटर पर दबाव बनाया गया? तो उन्होंने सीधे भारत का नाम लेते हुए कहा कि ऐसा कई बार हो चुका है। उन्होंने बताया कि भारत सरकार की ओर से सीधे तौर पर ये कहा गया था कि सरकार के विरोध में ट्विटर पर पोस्ट करने वालों का अकाउंट ब्लॉक किया जाए। नहीं तो उनके कर्मचारियों के घर पर छापेमारी की जाएगी। वहीं, सरकार ने ये भी कहा था कि अगर निर्देशों का पालन नहीं किया तो ऑफिस बंद कर दिया जाएगा। उनका कहना था कि मैं इस बात से हैरान था कि भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में ये सब हुआ।
जैक डोर्सी ने तुर्किए का उदाहरण देते हुए बताया कि वहां की सरकार ने भी ऐसा ही किया था। वहां की सरकार ने हमें ट्विटर पर बैन लगाने की धमकी दी थी, जिसके खिलाफ हमने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। आखिरकार हम केस लड़े और जीत भी गए।
गौरतलब है कि मोदी सरकार ने किसानों को आर्थिक स्थिति सुधारने वाला फैसला बताते हुए तीन कृषि कानून लाए थे, लेकिन तीनों कृषि कानून को लेकर किसानों ने नवंबर 2020 में मोर्चा खोल दिया। इस दौरान किसानों ने लाल किले तक प्रदर्शन किया और लगभग एक साल तक दिल्ली की सीमाओं पर डटे रहे। हालांकि किसानों और सरकार के बीच कई बार बातचीत कर मामले को हल करने की कोशिश की गई, लेकिन किसान नहीं मानें। अंतत: मोदी सरकर ने घुटने टेक दिए और कानून वापस लेना पड़ा। नवंबर 2021 में केंद्र सरकार ने तीनों कृषि कानूनों को वापस ले लिया और किसान प्रदर्शन खत्म कर लौट गए।