भुवनेश्वर, 28 जनवरी (भाषा) मुंबई और अहमदाबाद में ‘कोल्डप्ले’ संगीत समारोह की सफलता को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि भारत में संगीत समारोहों से जुड़ी अर्थव्यवस्था में अपार संभावनाएं हैं।
उन्होंने राज्य सरकारों और निजी क्षेत्र से सजीव कार्यक्रमों की मेजबानी के लिए जरूरी बुनियादी ढांचे और कौशल विकास में निवेश करने का आग्रह किया।
प्रधानमंत्री ने भुवनेश्वर के जनता मैदान में ‘उत्कर्ष ओडिशा: मेक इन ओडिशा कॉन्क्लेव’ को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले 10 वर्षों में सजीव कार्यक्रमों की मांग बढ़ी है।
उन्होंने कहा, ‘‘एक ऐसा देश जिसकी संगीत, नृत्य और कहानी कहने की इतनी समृद्ध विरासत है और जहां युवाओं का एक बड़ा समूह है, जो संगीत कार्यक्रमों के बड़े उपभोक्ता हैं, वहां संगीत कार्यक्रमों से जुड़ी अर्थव्यवस्था में कई संभावनाएं हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आपने देखा होगा कि पिछले 10 वर्षों में सजीव कार्यक्रमों की मांग और रुझान में वृद्धि हुई है। बीते दिनों आपने मुंबई और अहमदाबाद में कोल्डप्ले के संगीत कार्यक्रमों की खूबसूरत तस्वीरें देखी होंगी। यह साबित करता है कि भारत में संगीत कार्यक्रमों के लिए बहुत संभावनाएं हैं।’’
मोदी ने कहा, ‘‘दुनियाभर के बड़े कलाकार भारत की ओर आकर्षित होते हैं। मैं उम्मीद करता हूं कि राज्य और निजी क्षेत्र संगीत कार्यक्रमों से जुड़ी अर्थव्यवस्था के लिए जरूरी बुनियादी ढांचे और कौशल विकास पर ध्यान देंगे।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि अगले महीने, भारत पहली बार विश्व ध्वनि दृश्य और मनोरंजन शिखर सम्मेलन (डब्ल्यूएवीईएस) की मेजबानी करेगा और दुनिया को देश की रचनात्मक शक्ति का प्रदर्शन करेगा।
उन्होंने जोर देकर कहा कि इस तरह के आयोजन राजस्व पैदा करते हैं और अर्थव्यवस्था के विकास में योगदान करते हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि ओडिशा में इस तरह के आयोजनों की मेजबानी करने की अपार संभावनाएं हैं। भारत में सम्मेलन पर्यटन की संभावनाओं पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि दिल्ली में भारत मंडपम और यशोभूमि जैसे स्थल इसके लिए प्रमुख केंद्र बन रहे हैं।
भाषा पाण्डेय अजय
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