बजट में मध्यम वर्ग को मामूली कर राहत; रोजगार सृजन, छोटे उद्योगों को प्रोत्साहन

बजट में मध्यम वर्ग को मामूली कर राहत; रोजगार सृजन, छोटे उद्योगों को प्रोत्साहन

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  • Publish Date - July 23, 2024 / 08:47 PM IST,
    Updated On - July 23, 2024 / 08:47 PM IST

नयी दिल्ली, 23 जुलाई (भाषा) वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को पेश आम बजट में आयकर मोर्चे पर मध्यम वर्ग एवं नौकरीपेशा लोगों को थोड़ी राहत देने और अगले पांच साल में रोजगार सृजन के लिए दो लाख करोड़ रुपये के आवंटन की घोषणा की।

इसके साथ ही उन्होंने सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल सहयोगी दलों के शासन वाले राज्यों- बिहार और आंध्र प्रदेश के लिए कई परियोजनाओं का भी ऐलान किया। ये वे दल हैं, जो भाजपा को केंद्र में सत्ता में बने रहने के लिए जरूरी है।

सीतारमण ने वित्त वर्ष 2024-25 के बजट में ग्रामीण विकास के लिए 2.66 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। लोकसभा चुनाव में भाजपा को अपने दम पर बहुमत नहीं मिलने के लिए ग्रामीण असंतोष और बेरोजगारी को जिम्मेदार माना गया है।

वहीं आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए बजट में बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए 11.11 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। यह सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 3.4 प्रतिशत है।

सीतारमण ने अपना सातवां और नरेन्द्र मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश करते हुए स्टार्टअप में सभी श्रेणी के निवेशकों के लिए ‘एंजल कर’ समाप्त करने की घोषणा की। जब कोई गैर-सूचीबद्ध या स्टार्टअप कंपनी शेयर जारी कर पूंजी जुटाती है और उसका मूल्य कंपनी के उपयुक्त बाजार मूल्य से अधिक होता है, तब उस पर ‘एंजल कर’ लगाया जाता है।

बजट में तस्करी रोकने के मकसद से मोबाइल फोन एवं सोने पर सीमा शुल्क में कटौती की गई है। साथ पूंजीगत लाभ कर में उल्लेखनीय बदलाव किया गया है।

हालांकि, वित्त मंत्री ने प्रतिभूतियों के वायदा एवं विकल्प खंड में प्रतिभूति लेनदेन कर (एसटीटी) को बढ़ाने का प्रस्ताव किया है। इस कदम से शेयर बाजारों में गिरावट आई।

वित्त मंत्री ने बिहार के लिए एक्सप्रेसवे, बिजलीघर, हेरिटेज कॉरिडोर और नए हवाई अड्डों जैसी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए 60,000 करोड़ रुपये का आवंटन करने की घोषणा की। यह घोषणा ऐसे समय की गयी है, जब राज्य में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं।

बिहार को वित्तीय समर्थन पूंजीगत परियोजनाओं के रूप में है। यह सब्सिडी या नकद सहायता के रूप में नहीं है। राज्य में भाजपा की सहयोगी पार्टी जदयू (जनता दल यूनाइटेड) प्रदेश के लिए आर्थिक पैकेज और विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग करती रही है।

इसी तरह, आंध्र प्रदेश के लिए बहुपक्षीय एजेंसियों के माध्यम से वित्तीय सहायता के रूप में 15,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। आंध्र प्रदेश में सत्तारूढ़ तेलुगुदेशम पार्टी (तेदेपा) हाल ही में भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल हुई है।

सीतारमण ने कहा, ‘‘ऐसे समय जब दुनिया में अनिश्चिततताएं हैं, भारत की आर्थिक वृद्धि अपवादस्वरूप आकर्षक बनी हुई है और आने वाले वर्षों में भी ऐसा ही रहेगा।”

उन्होंने कहा, ‘‘इस बजट में हम विशेष रूप से रोजगार, कौशल विकास, एमएसएमई और मध्यम वर्ग पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।’’

कुल 48 लाख करोड़ रुपये के बजट में मुख्य रूप से रोजगार, इंटर्नशिप और कौशल योजनाओं पर जोर दिया गया है। इसका मकसद युवा आबादी के लिए रोजगार के रास्ते खोलना है।

वित्त मंत्री ने कहा कि 4.1 करोड़ युवाओं के लिए रोजगार, कौशल विकास और अन्य अवसर उपलब्ध कराने की योजनाओं और उपायों के लिए पांच साल की अवधि में दो लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा शिक्षा, रोजगार और कौशल के लिए 1.48 लाख करोड़ रुपये का निर्धारण किया गया है।

उन्होंने मध्यम वर्ग के लिए मानक कटौती को 50 प्रतिशत बढ़ाकर 75,000 रुपये करने के साथ नई आयकर व्यवस्था का विकल्प चुनने वाले करदाताओं के लिए कर स्लैब में बदलाव किया है। मानक कटौती के तहत आयकर की गणना करने से पहले वर्ष में अर्जित कुल वेतन में से मानक कटौती वाली राशि घाटा दी जाती है।

उन्होंने कहा कि इससे करदाताओं को नई कर व्यवस्था के तहत सालाना 17,500 रुपये तक की बचत होगी। नई व्यवस्था में कर की दरें कम हैं। हालांकि, इसमें मिलने वाली छूट भी न के बराबर है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि यह बजट भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने में ‘उत्प्रेरक’ का काम करेगा तथा विकसित भारत की ठोस नींव भी रखेगा।

उन्होंने कहा, ‘‘यह बजट देश के गांव, गरीब, किसान को समृद्धि की राह पर ले जाने वाला है। यह नौजवानों को अनगिनत नये अवसर देने वाला बजट है। इस बजट से शिक्षा और कौशल को नयी गति मिलेगी। यह मध्यम वर्ग को नयी ताकत देने वाला बजट है। यह जनजातीय समाज, दलित, पिछड़ों को सशक्त करने की मजबूत योजनाओं के साथ आया है।’’

रोजगार को बढ़ावा देने के लिए बजट में कंपनियों के लिए प्रोत्साहन का प्रावधान किया गया है। इसमें पहली बार काम करने वाले कर्मचारियों के लिए एक महीने के वेतन का भुगतान और रोजगार के पहले चार वर्षों में उनके सेवानिवृत्ति निधि अंशदान के संबंध में नियोक्ताओं को प्रत्येक अतिरिक्त कर्मचारी के ईपीएफओ योगदान के लिए दो साल के लिए 3,000 रुपये प्रति माह तक का ‘रिम्बर्समेंट’ शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि कौशल में सुधार के साथ छात्रों के लिए इंटर्नशिप के लिए एक कार्यक्रम चलाया जाएगा। उच्च शिक्षा के लिए रियायती कर्ज भी प्रदान किया जाएगा।

शहरी क्षेत्रों में भारत की आधिकारिक बेरोजगारी दर 6.7 प्रतिशत आंकी गई है, लेकिन निजी एजेंसियों के मुताबिक इसका स्तर कहीं अधिक है।

सीतारमण ने कहा कि सरकार का राजकोषीय घाटा 2024-25 में जीडीपी का 4.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है। यह 2024-25 के लिए फरवरी में पेश अंतरिम बजट में अनुमानित 5.1 प्रतिशत से कम है। इसका कारण मजबूत कर संग्रह और भारतीय रिजर्व बैंक से अपेक्षा से अधिक लाभांश प्राप्ति है।

उन्होंने सकल बाजार उधारी को मामूली रूप से घटाकर 14.01 लाख करोड़ रुपये कर दिया है।

वित्त वर्ष 2024-25 के बजट में कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए है। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में तीन करोड़ किफायती आवासों के निर्माण के लिए सहायता, छोटे और मझोले उद्यमों को कर्ज सहायता प्रदान की गई है।

इसके अलावा, मुद्रा योजना के तहत छोटे उद्यमों के लिए कर्ज सीमा बढ़ाकर 20 लाख रुपये, 12 औद्योगिक पार्क स्थापित करने का प्रस्ताव और अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए 1,000 करोड़ रुपये का उद्यम पूंजी कोष स्थापित करने का प्रस्ताव किया गया है।

बजट में उधारियों को छोड़कर कुल प्राप्तियां 32.07 लाख करोड़ और व्यय 48.21 लाख करोड़ रहने का अनुमान लगाया गया है। शुद्ध कर प्राप्ति 25.83 लाख करोड़ रुपये अनुमानित है।

भाषा रमण अजय

अजय