ग्रामीण विकास, विकसित राष्ट्र बनाने के लिए मॉडल गांव परियोजना महत्वपूर्ण: वरिष्ठ अधिकारी |

ग्रामीण विकास, विकसित राष्ट्र बनाने के लिए मॉडल गांव परियोजना महत्वपूर्ण: वरिष्ठ अधिकारी

ग्रामीण विकास, विकसित राष्ट्र बनाने के लिए मॉडल गांव परियोजना महत्वपूर्ण: वरिष्ठ अधिकारी

:   Modified Date:  September 27, 2024 / 06:11 PM IST, Published Date : September 27, 2024/6:11 pm IST

(लक्ष्मी देवी ऐरे)

नयी दिल्ली, 27 सितंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश सरकार के वरिष्ठ अधिकारी हीरा लाल ने शुक्रवार को कहा कि गांवों का विकास किए बिना भारत 2047 तक विकसित राष्ट्र नहीं बन सकता। उन्होंने ‘मॉडल गांव’ परियोजना नामक पहल के साथ गांव के विकास और महिला सशक्तिकरण के महत्व पर जोर दिया।

यह परियोजना उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में किए गए सफल प्रयोगों से प्रेरित है और तीन प्रमुख पहलुओं पर केंद्रित है: ‘गांव घोषणापत्र’ के जरिये विकास को परिभाषित करना, स्थानीय बदलाव करने वालों की पहचान करना और कृषि को एक लाभदायक व्यवसाय में बदलना।

उत्तर प्रदेश सरकार में सिंचाई विभाग में विशेष सचिव लाल ने पीटीआई-भाषा से विशेष बातचीत में कहा, ”गांवों का विकास किए बिना विकसित राष्ट्र बनना संभव नहीं है।”

उन्होंने कहा, ”भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के लिए हमें अपने गांवों का विकास करना होगा। भारत गांवों में बसता है। इतना ही नहीं, शहरों के भीतर भी, उनकी जड़ें अभी भी गांवों में हैं।” देश में 6.5 लाख से ज्यादा गांव हैं।

‘मॉडल गांव’ परियोजना एक गैर-लाभकारी पहल है, जिसके वे संरक्षक हैं। इसकी शुरुआत अगस्त 2018 से फरवरी 2020 तक बांदा में जिलाधिकारी के रूप में उनके 18 महीने के कार्यकाल के दौरान हुई थी।

इस दौरान जल संरक्षण, कृषि और समग्र विकास से जुड़ी कई अभिनव उपायों को लागू किया गया। इसकी एक प्रमुख उपलब्धि जल स्तर को 1.34 मीटर बढ़ाना था।

उन्होंने कहा, ”बांदा बुंदेलखंड क्षेत्र में है और यह जल-संकटग्रस्त जिला है। जन भागीदारी से हमने जल स्तर को 1.34 मीटर बढ़ाया। इसके चलते फसल उत्पादकता में वृद्धि हुई।”

अधिकारी ने कहा कि गांव घोषणापत्र में यह स्पष्ट रूप से बताया गया कि प्रत्येक गांव के लिए विकास का क्या मतलब है।

लाल ने कहा कि स्थानीय स्तर पर बदलाव लाने वाले व्यक्तियों को सशक्त बनाने पर ध्यान दिया गया।

अधिकारी ने बताया कि परियोजना का मुख्य जोर पारंपरिक कृषि को एक लाभदायक व्यवसाय में बदलने पर है। इस लक्ष्य को मुख्य रूप से किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) का गठन करके हासिल किया जाता है।

उन्होंने कहा कि गांवों में जलवायु परिवर्तन के लिहाज से प्लास्टिक मुक्त जीवन, जल संरक्षण और वृक्षारोपण पर जोर दिया गया।

उन्होंने ग्रामीण विकास में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में कहा कि उन्हें मुख्यधारा में लाना होगा, तभी हम एक विकसित राष्ट्र बन सकते हैं।

भाषा पाण्डेय रमण

रमण

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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