नयी दिल्ली, 26 नवंबर (भाषा) केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह ने मंगलवार को कहा कि भैंस के दूध उत्पादन में 16 प्रतिशत की सालाना गिरावट के बावजूद बीते वित्त वर्ष 2023-24 में भारत का दूध उत्पादन चार प्रतिशत बढ़कर 23.93 करोड़ टन पर पहुंच गया है। सरकारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है।
दुनिया के सबसे बड़े दूध उत्पादक देश भारत का दूध उत्पादन 2022-23 में 23.06 करोड़ टन था।
हालांकि, आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले दो वित्त वर्षों में वार्षिक वृद्धि दर धीमी रही है। वर्ष 2017-18 में वृद्धि दर 6.62 प्रतिशत थी। वित्त वर्ष 2018-19 में यह 6.47 प्रतिशत; 2019-20 में 5.69 प्रतिशत; 2020-21 में 5.81 प्रतिशत; और 2021-22 में 5.77 प्रतिशत रही थी। 2022-23 में यह घटकर 3.83 प्रतिशत और 2023-24 में 3.78 प्रतिशत रह गई।
राष्ट्रीय दुग्ध दिवस मनाने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि उत्पादकता में सुधार के दम पर 2023-24 में दूध उत्पादन बढ़कर लगभग 23.9 करोड़ टन हो गया है।
सरकार ने राष्ट्रीय दुग्ध दिवस 2024 के अवसर पर बुनियादी पशुपालन सांख्यिकी 2024 जारी की। राष्ट्रीय दुग्ध दिवस हर साल 26 नवंबर को श्वेत क्रांति के जनक वर्गीज कुरियन के सम्मान में मनाया जाता है, जिनका जन्म इसी दिन हुआ था।
सिंह ने कहा कि प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता भी 2022-23 के 459 ग्राम प्रतिदिन से बढ़कर 2023-24 में 471 ग्राम प्रतिदिन हो गई है। मंत्री ने कहा कि पिछले 10 वर्षो में भारत के दूध उत्पादन में औसत वृद्धि छह प्रतिशत रही है, जबकि विश्व में यह औसत दो प्रतिशत है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 2023-24 में भैंस से दूध उत्पादन में पिछले वर्ष की तुलना में 16 प्रतिशत की कमी आई है।
विदेशी/संकरित मवेशियों से दूध उत्पादन में आठ प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि देशी/गैर-वर्णित मवेशियों से उत्पादन में 44.76 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
वर्ष 2023-24 के दौरान शीर्ष पांच दूध उत्पादक राज्यों में उत्तर प्रदेश 16.21 प्रतिशत की हिस्सेदारी के साथ सबसे आगे है। इसके बाद राजस्थान (14.51 प्रतिशत), मध्य प्रदेश (8.91 प्रतिशत), गुजरात (7.65 प्रतिशत) और महाराष्ट्र (6.71 प्रतिशत) का स्थान है।
वार्षिक वृद्धि दर के मामले में, पश्चिम बंगाल शीर्ष (9.76 प्रतिशत) पर था, उसके बाद झारखंड (9.04 प्रतिशत), छत्तीसगढ़ (8.62 प्रतिशत) और असम (8.53 प्रतिशत) का स्थान आता है।
इससे पहले, कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सिंह ने डेयरी किसानों को संगठित क्षेत्र में लाने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इससे दूध उत्पादन और किसानों की आय बढ़ाने में मदद मिलेगी और बिचौलियों को समाप्त किया जा सकेगा।
मंत्री ने डेयरी उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर भी बात की।
सिंह ने डेयरी किसानों से अपने पशुओं का टीकाकरण करने को कहा। सरकार मुफ्त टीकाकरण उपलब्ध करा रही है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2030 तक देश से खुरपका और मुंहपका रोग तथा ब्रुसेलोसिस का उन्मूलन हो जाएगा और ‘‘इससे निर्यात बढ़ाने में मदद मिलेगी।’’
भाषा राजेश राजेश अजय
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