2024-25 में वस्तुओं, सेवाओं का निर्यात में 800 अरब डॉलर से अधिक होने का भरोसा: गोयल

2024-25 में वस्तुओं, सेवाओं का निर्यात में 800 अरब डॉलर से अधिक होने का भरोसा: गोयल

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  • Publish Date - June 29, 2024 / 07:23 PM IST,
    Updated On - June 29, 2024 / 07:23 PM IST

मुंबई, 29 जून (भाषा) वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार को कहा कि वैश्विक चुनौतियों के बावजूद चालू वित्त वर्ष में भारत का वस्तुओं और सेवाओं का निर्यात 800 अरब डॉलर को पार कर जाने की उम्मीद है।

इससे पहले वित्त वर्ष 2023-24 में निर्यात 778.2 अरब डॉलर (वस्तुएं 437.1 अरब डॉलर और सेवाएं 341 अरब डॉलर) रहा था।

उन्होंने कहा कि वैश्विक स्थिति गंभीर है, क्योंकि यूक्रेन-रूस और इजरायल-हमास के बीच युद्ध और लाल सागर संकट अभी भी जारी है।

मंत्री ने कहा कि यूरोप जैसे कुछ प्रमुख लोकतांत्रिक देशों में चुनाव भी हो रहे हैं।

गोयल ने यहां संवाददाताओं से कहा, ”ऐसी स्थिति में यह सकारात्मक संकेत है कि हमारा निर्यात बढ़ रहा है (मई में नौ प्रतिशत की वृद्धि) और इससे यह पता भी चलता है कि दुनिया भारत के साथ व्यापार और निवेश करना चाहती है। हमें भरोसा है कि इस साल हमारा निर्यात 800 अरब डॉलर से अधिक होगा और यह एक ऐतिहासिक रिकॉर्ड होगा।”

वह रत्न एवं आभूषण निर्यातकों के एक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए यहां आए थे। गोयल ने कहा कि 800 अरब डॉलर के निर्यात के लिए मंत्रालय विदेश स्थित भारतीय मिशनों और निर्यात संवर्धन परिषदों के साथ मिलकर काम कर रहा है।

उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष चालू खाता घाटा (सीएडी) भी कम हुआ है। ऐसे में निर्यात बढ़ेगा, विनिर्माण को बढ़ावा मिलेगा। भारत ने मार्च तिमाही में 5.7 अरब डॉलर या जीडीपी के 0.6 प्रतिशत के बराबर चालू खाता अधिशेष दर्ज किया।

उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों पर ध्यान केंद्रित करने से तेल आयात को कम करने में मदद मिलेगी। मंत्रालय विशेष रूप से मूल्य वर्धित वस्तुओं के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए मसालों, रबर, तंबाकू, चाय और कॉफी सहित बागान बोर्डों के साथ चर्चा कर रहा है।

उन्होंने कहा कि भारत ने घरेलू हीरा पॉलिश उद्योग के हितों की रक्षा के लिए यूरोपीय संघ (ईयू) और जी7 देशों द्वारा रूसी मूल के बिना पॉलिश किए हुए हीरों के आयात पर प्रतिबंध लगाने के मुद्दे को प्राथमिकता से उठाया है।

गोयल ने कहा, ”हमारा मंत्रालय और रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद यूरोपीय संघ और जी-7 देशों के साथ लगातार संपर्क में हैं।”

भाषा पाण्डेय

पाण्डेय