बीते वित्त वर्ष में मांस उत्पादन पांच प्रतिशत बढ़कर 1.02 करोड़ टन पर : सरकारी आंकड़े

बीते वित्त वर्ष में मांस उत्पादन पांच प्रतिशत बढ़कर 1.02 करोड़ टन पर : सरकारी आंकड़े

  •  
  • Publish Date - November 26, 2024 / 09:45 PM IST,
    Updated On - November 26, 2024 / 09:45 PM IST

नयी दिल्ली, 26 नवंबर (भाषा) बीते वित्त वर्ष 2023-24 में भारत का मांस उत्पादन लगभग पांच प्रतिशत बढ़कर 1.02 करोड़ टन हो गया।

एक आधिकारिक बयान में कहा गया, ‘‘देश में कुल मांस उत्पादन 2023-24 के दौरान 1.02 करोड़ टन होने का अनुमान है। इसमें 2014-15 के 66.9 लाख टन के अनुमान की तुलना में पिछले 10 साल में औसतन 4.85 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। इसके अलावा, 2022-23 की तुलना में 2023-24 में उत्पादन में 4.95 प्रतिशत की वृद्धि हुई।’

कुल मांस उत्पादन में प्रमुख योगदान 12.62 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ पश्चिम बंगाल का है।

इसके बाद उत्तर प्रदेश (12.29 प्रतिशत), महाराष्ट्र (11.28 प्रतिशत), तेलंगाना (10.85 प्रतिशत) और आंध्र प्रदेश (10.41 प्रतिशत) का स्थान है। वार्षिक वृद्धि दर के संदर्भ में, उच्चतम वार्षिक वृद्धि दर (एजीआर) असम (17.93 प्रतिशत) में दर्ज की गई है। इसके बाद उत्तराखंड (15.63 प्रतिशत) और छत्तीसगढ़ (11.70 प्रतिशत) का स्थान है।

आंकड़ों के अनुसार, देश का कुल अंडा उत्पादन 2023-24 के दौरान 142.77 अरब होने का अनुमान है और 2014-15 के दौरान 78.48 अरब के अनुमान की तुलना में पिछले 10 साल में इसमें औसतन 6.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। इसके अलावा, पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 2023-24 के दौरान उत्पादन में 3.18 प्रतिशत की वृद्धि हुई। कुल अंडा उत्पादन में प्रमुख योगदान आंध्र प्रदेश का है, जिसकी कुल अंडा उत्पादन में हिस्सेदारी 17.85 प्रतिशत है।

इसके बाद तमिलनाडु (15.64 प्रतिशत), तेलंगाना (12.88 प्रतिशत), पश्चिम बंगाल (11.37 प्रतिशत) और कर्नाटक (6.63 प्रतिशत) का स्थान है।

एजीआर के संदर्भ में, सबसे अधिक वृद्धि दर लद्दाख (75.88 प्रतिशत) में दर्ज की गई और उसके बाद मणिपुर (33.84 प्रतिशत) और उत्तर प्रदेश (29.88 प्रतिशत) का स्थान है।

आंकड़ों के अनुसार, 2023-24 के दौरान कुल ऊन उत्पादन 3.36 करोड़ किलोग्राम होने का अनुमान है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 0.22 प्रतिशत की मामूली वृद्धि है।

कुल ऊन उत्पादन में प्रमुख योगदान राजस्थान का है, जिसकी हिस्सेदारी 47.53 प्रतिशत है। इसके बाद जम्मू- कश्मीर (23.06 प्रतिशत), गुजरात (6.18 प्रतिशत), महाराष्ट्र (4.75 प्रतिशत) और हिमाचल प्रदेश (4.22 प्रतिशत) का स्थान है।

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय