नई दिल्ली। कोरोना वायरस के मद्देनजर देशव्यापी लॉकडाउन की वजह से अर्थव्यस्था पर बहुत बुरा असर पड़ा है। जिसके चलते अब कई राज्यों में कर्मचारियों की सैलरी को लेकर संकट पैदा हो गई है। सबसे ज्यादा हेल्थकर्मी और टीचर परेशान है। जो लगातार कोरोना काल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
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इस बीच कई राज्यों ने इसका ठीकरा मोदी सरकार पर फोड़ा है। वहीं मदद के लिए केंद्र सरकार को त्राहिमाम संदेश भेजा है। इनमें महाराष्ट्र, पंजाब, कर्नाटक और त्रिपुरा उन राज्यों में शामिल हैं, जहां कोरोना काल में भी स्वास्थ्यकर्मियों को समय पर वेतन नहीं दिया जा रहा।
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दूसरी ओर उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक और मध्य प्रदेश ऐसे राज्य हैं, जहां कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के टीचर और स्टाफ को समय पर सैलरी का भुगतान नहीं किया जा रहा है। सभी राज्यों ने केंद्र पर आरोप लगाया है कि जीएसटी का बकाया राशि नहीं देने की वजह से यह हाल हुआ है। बता दें कि आज ही जीएसटी बकाया भुगतान के लिए जीएसटी परिषद की बैठक होगी।
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वहीं कई राज्यों की ये मांग है कि जीएसटी परिषद की बैठक में बिना शर्त राजकोषीय घाटे की सीमा बढ़ाने की अनुमति मिले साथ ही बकाया जीएसटी भुगतान को भी हरी झंडी मिले। वहीं राज्यों का कहना है कि वित्तीय संकट के चलते नए खर्चे नहीं बढ़ा पा रहे हैं। जबकि कोरोना महामारी के दौर में हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर देने का दबाव है।
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