मलेशिया एक्सचेंज में मजबूती से सभी तेल-तिलहन कीमतों में सुधार

मलेशिया एक्सचेंज में मजबूती से सभी तेल-तिलहन कीमतों में सुधार

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  • Publish Date - September 26, 2024 / 09:19 PM IST,
    Updated On - September 26, 2024 / 09:19 PM IST

नयी दिल्ली, 26 सितंबर (भाषा) मलेशिया के साथ-साथ शिकॉगो एक्सचेंज में भारी उछाल और आगामी त्योहारी मांग के साथ कम आपूर्ति की स्थिति के कारण देश के तेल-तिलहन बाजार में बृहस्पतिवार को सभी तेल-तिलहन के दाम पर्याप्त सुधार के साथ बंद हुए। इस भारी तेजी के बीच सरसों, मूंगफली और सोयाबीन तेल-तिलहन, कच्चे पामतेल (सीपीओ) एवं पामोलीन तथा बिनौला तेल कीमतों में उछाल देखा गया।

मलेशिया और शिकॉगो एक्सचेंज में भारी सुधार का रुख है।

बाजार सूत्रों ने कहा कि मलेशिया सहित अन्य पाम, पामोलीन उत्पादक देशों में बायोडीजल बनाने में पाम, पामोलीन का इस्तेमाल बढ़ने के कारण पाम, पामोलीन के दाम में पर्याप्त सुधार हुआ है। इस सुधार की वजह से पाम, पामोलीन का दाम सोयाबीन तेल से अधिक हो चला है। जिस पाम, पामोलीन को पहले गरीबों या कम आयवर्ग के उपभोग वाला खाद्य तेल माना जाता था आज उस तेल का दाम सोयाबीन से ऊंचा हो गया है यानी अब यह तेल गरीबों की पहुंच से बाहर होने लगा है।

सूत्रों ने कहा कि नवंबर, 2022 में सोयाबीन तेल का थोक दाम 135-140 रुपये किलो था जबकि पाम-पामोलीन का थोक दाम 100-105 रुपये किलो था। आज देश के कांडला पोर्ट पर सोयाबीन तेल का थोक दाम 123-124 रुपये किलो है और पाम-पामोलीन का थोक दाम 128-129 रुपये किलो हो गया है।

उन्होंने कहा कि वहीं खुदरा बाजार में स्थिति एकदम उलट है जहां सोयाबीन और सूरजमुखी तेल अपने थोक मूल्य से 40-50 रुपये लीटर ऊंचे दाम पर उपभोक्ताओं को मिल रहे हैं जबकि इन तेलों के मुकाबले पाम-पामोलीन का खुदरा दाम कम है।

सूत्रों ने कहा कि इन सारी विसंगतियों पर ध्यान देने की जरूरत है। महंगाई की चिंता करने वालों को इस स्थिति पर गौर करना चाहिये कि थोक में सस्ता होने के बाद भी सोयाबीन, सूरजमुखी तेल खुदरा में इतने अधिक दाम पर क्यों बिक रहा है। क्या इससे महंगाई नहीं बढ़ती?

सूत्रों ने कहा कि बिनौला के नकली खल के सस्ता होने की वजह से असली बिनौला खल की बिक्री में गिरावट के कारण बिनौला तेल के दाम में भी बढ़ोतरी देखी गई। बिनौला के नकली खल के फलते-फूलते अवैध कारोबार को नियंत्रित करने की जरूरत है क्योंकि यह सीधे तौर पर देश के कपास उत्पादन और बिनौला तेल उत्पादन को प्रभावित करेगा।

तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:

सरसों तिलहन – 6,775-6,825 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली – 6,400-6,675 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) – 15,175 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली रिफाइंड तेल – 2,285-2,585 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 14,150 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 2,195-2,295 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 2,195-2,310 रुपये प्रति टिन।

तिल तेल मिल डिलिवरी – 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 13,200 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 12,750 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 9,650 रुपये प्रति क्विंटल।

सीपीओ एक्स-कांडला- 11,850 रुपये प्रति क्विंटल।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 12,600 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 13,600 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन एक्स- कांडला- 12,800 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।

सोयाबीन दाना – 4,875-4,925 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन लूज- 4,650-4,785 रुपये प्रति क्विंटल।

मक्का खल (सरिस्का)- 4,225 रुपये प्रति क्विंटल।

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय