नागपुर, सात अक्टूबर (भाषा) महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने सोमवार को कहा कि 2030 तक महाराष्ट्र देश का पहला ऐसा राज्य बन जाएगा जो अपनी बिजली जरूरतों का 50 प्रतिशत गैर-परंपरागत ऊर्जा स्रोतों से पूरा करेगा।
फडणवीस राज्य के ऊर्जा मंत्री भी हैं।
नागपुर एमआईडीसी (महाराष्ट्र औद्योगिक विकास निगम) में अवाडा इलेक्ट्रो प्राइवेट लिमिटेड की एक परियोजना के शिलान्यास समारोह में मंत्री ने यह बात कही।
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में सौर ऊर्जा के क्षेत्र में काफी बदलाव हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने मात्र ढाई साल में राज्य में 20,000 मेगावाट सौर ऊर्जा परियोजनाओं को मंजूरी दी है। राज्य में 40,000 मेगावाट सौर ऊर्जा की क्षमता है।
उन्होंने कहा कि अब एक साल में ही सौर पंप भंडारण परियोजना की क्षमता 55,000 मेगावाट हो गई है। इसी तरह पवन और सौर परियोजनाओं की क्षमता करीब 20,000 मेगावाट है।
फडणवीस ने कहा कि जिस तरह से महाराष्ट्र सरकार सौर और गैर-पारंपरिक ऊर्जा परियोजनाओं पर काम कर रही है, ‘‘ 2030 तक महाराष्ट्र अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं का 50 प्रतिशत गैर-पारंपरिक स्रोतों से उत्पादित करने वाला पहला राज्य बन जाएगा।’’
अवाडा परियोजना के बारे में उन्होंने कहा कि कंपनी इस परियोजना में करीब 14,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी और इससे अप्रैल, 2025 तक उत्पादन शुरू होने की उम्मीद है।
फडणवीस ने कहा कि इस परियोजना से 5,000 प्रत्यक्ष रोजगार सृजित होने की उम्मीद है, जिसमें से 51 प्रतिशत रोजगार महिलाओं के लिए होंगे।
भाषा निहारिका अजय
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