व्यापार घाटा कम होने, धन प्रेषण बढ़ने से चालू खाता अधिशेष में मदद मिली: क्रिसिल

व्यापार घाटा कम होने, धन प्रेषण बढ़ने से चालू खाता अधिशेष में मदद मिली: क्रिसिल

  •  
  • Publish Date - June 26, 2024 / 05:25 PM IST,
    Updated On - June 26, 2024 / 05:25 PM IST

कोलकाता, 26 जून (भाषा) पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में वस्तुओं के व्यापार घाटे में कमी, विदेशों से धनप्रेषण में वृद्धि और सेवा व्यापार में अधिशेष से देश का चालू खाता अधिशेष की स्थिति में रहा। क्रिसिल ने बुधवार को एक रिपोर्ट में यह बात कही।

हाल ही में प्रकाशित आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, जनवरी-मार्च, 2024 की अवधि में देश के चालू खाते में 5.7 अरब डॉलर का अधिशेष रहा, जो सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 0.6 प्रतिशत है।

रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 की तीसरी तिमाही में चालू खाता 8.7 अरब डॉलर के घाटे में था, जो जीडीपी का एक प्रतिशत है।

वित्त वर्ष 2022-23 की चौथी तिमाही में देश का चालू खाता भी 1.3 अरब डॉलर के घाटे में था, जो जीडीपी का 0.2 प्रतिशत है।

रिपोर्ट के मुताबिक, “बीते वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में चालू खाता अधिशेष सुधार के साथ जीडीपी का 0.6 प्रतिशत हो जाना तीनों मोर्चों पर सुधार दिखाता है। इसका मतलब है कि वस्तु व्यापार घाटा कम हुआ, सेवा व्यापार अधिशेष बढ़ा और विदेश से धनप्रेषण भी बढ़ा।”

क्रिसिल ने कहा कि वित्तीय प्रवाह भी बढ़ने से चौथी तिमाही के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार में 30.8 अरब डॉलर की वृद्धि हुई। देश का विदेशी मुद्रा भंडार 14 जून, 2024 तक 652.9 अरब डॉलर पहुंच गया।

रिपोर्ट में कहा गया है कि यद्यपि एफडीआई की आवक कायम रही लेकिन देश से बाहर होने वाले विदेशी निवेश के भी बढ़ने से शुद्ध प्रवाह में कमी आई है।

भाषा अनुराग प्रेम

प्रेम