लोढ़ा की एम.पी. बिड़ला समूह में पद लेने पर रोक के उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ अपील

लोढ़ा की एम.पी. बिड़ला समूह में पद लेने पर रोक के उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ अपील

लोढ़ा की एम.पी. बिड़ला समूह में पद लेने पर रोक के उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ अपील
Modified Date: November 29, 2022 / 08:30 pm IST
Published Date: September 21, 2020 4:55 pm IST

कोलकाता, 21 सितंबर (भाषा) एम.पी. बिड़ला समूह की किसी भी कंपनी में कोई भी पद लेने पर रोक लगाने के कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देते हुए हर्षवर्द्धन लोढ़ा ने सोमवार को अपील दायर की। उन्होंने एकल पीठ के आदेश के खिलाफ अदालत की खंड पीठ को यह याचिका सौंपी।

उल्लेखनीय है कि एम.पी. बिड़ला एस्टेट के मालिकाना हक का मामला लंबित है। इसी से जुड़े एक मामले में अदालत की एकल पीठ ने शुक्रवार को लोढ़ा के एम.पी. बिड़ला समूह में किसी भी तरह का पद लेने पर रोक लगा दी थी।

आदेश को चुनौती देते हुए बिड़ला ने दावा किया कि संयुक्त प्रशासकों ने सर्वसम्मति से परिसंपत्तियों की जो सूची तैयार की उसमें एस्टेट को अच्छे से परिभाषित किया गया है। इसकी जानकारी 2013 में अदालत को भी दी गयी।

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उनका दावा है कि इस परिभाषा के आधार पर बड़े प्रवर्तक समूह की चारों विनिर्माण कंपनियों में एस्टेट एक अल्पांश हिस्सेदार है। यहां तक कि एस्टेट की निवेश कंपनियों के माध्यम से अप्रत्यक्ष हिस्सेदारी को भी ध्यान में रखा जाए तो यह अल्पांश हिस्सेदार है।

अपील में कहा गया है कि शुक्रवार का फैसला प्रियंवदा देवी को समूह की ‘एकल वैयक्तिक प्रवर्तक’ के रूप में देखता है। लोढ़ा ने इसके बेतुके होने का दावा किया। प्रियंवदा देवी एम.पी. बिड़ला की दिवंगत पत्नी हैं।

उच्च न्यायालय की खंड पीठ के इस याचिका पर इसी हफ्ते में सुनवाई करने की संभावना है।

भाषा

शरद महाबीर

महाबीर


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