ट्रेडमार्क विवाद को सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझाने की कोशिश करें लोढ़ा बंधुः बंबई उच्च न्यायालय

ट्रेडमार्क विवाद को सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझाने की कोशिश करें लोढ़ा बंधुः बंबई उच्च न्यायालय

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  • Publish Date - January 27, 2025 / 04:30 PM IST,
    Updated On - January 27, 2025 / 04:30 PM IST

मुंबई, 27 जनवरी (भाषा) बंबई उच्च न्यायालय ने अभिषेक लोढ़ा और उनके भाई अभिनंदन लोढ़ा को ‘लोढ़ा’ ट्रेडमार्क के इस्तेमाल को लेकर जारी विवाद सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझाने का प्रयास करने का सुझाव दिया है।

अभिषेक लोढ़ा की कंपनी मैक्रोटेक डेवलपर्स लिमिटेड ने इस महीने की शुरुआत में अभिनंदन लोढ़ा की फर्म ‘हाउस ऑफ अभिनंदन लोढ़ा’ के खिलाफ उच्च न्यायालय में मुकदमा दायर कर दावा किया था कि ‘लोढ़ा’ नाम उसका ट्रेडमार्क है और कोई अन्य इसका इस्तेमाल नहीं कर सकता है।

मैक्रोटेक डेवलपर्स ने एक अंतरिम आवेदन में प्रतिवादियों को ट्रेडमार्क का उल्लंघन करने से स्थायी तौर पर रोकने की मांग की है।

इसके अलावा ट्रेडमार्क के दुरुपयोग पर अभिनंदन लोढ़ा की कंपनी से 5,000 करोड़ रुपये के हर्जाने की मांग भी की गई है।

न्यायमूर्ति आरिफ डॉक्टर की एकल पीठ ने सोमवार को इस अर्जी पर सुनवाई करते हुए कहा कि ट्रेडमार्क विवाद मुख्य रूप से दो भाइयों के बीच होने से इसके सौहार्दपूर्ण समाधान की संभावना तलाशी जानी चाहिए।

न्यायमूर्ति डॉक्टर ने कहा, ‘‘आखिर में यह दो भाइयों के बीच का विवाद लगता है। इसकी शुरुआत दो भाइयों के बीच ही हुई है। क्या इस मामले को मिल-बैठकर सुलझाने का प्रयास किया गया है?’’

न्यायालय ने संबंधित पक्षों (मैक्रोटेक डेवलपर्स, अभिनंदन लोढ़ा और अभिषेक लोढ़ा) से मंगलवार को यह बताने को कहा कि क्या वे मध्यस्थता के जरिये मामले को सुलझाने के इच्छुक हैं।

न्यायालय ने कहा कि संबंधित पक्षों के सहमत होने पर वह मध्यस्थ के रूप में एक पूर्व मुख्य न्यायाधीश या उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश को नियुक्त करेगा और कार्यवाही को यथासंभव शीघ्र पूरा करने का प्रयास किया जाएगा।

लोढ़ा बंधु भाजपा नेता और महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा के बेटे हैं। दोनों भाइयों के बीच 2015 में समझौता हो गया था।

आवेदन के मुताबिक, 2015 में यह निर्णय लिया गया कि लोढ़ा समूह से अलग होकर अभिनंदन लोढ़ा अपना खुद का कारोबार शुरू करेंगे। बाद में यह तय हुआ था कि अभिनंदन की फर्म को ‘हाउस ऑफ अभिनंदन लोढ़ा’ कहा जाएगा।

हालांकि, मैक्रोटेक डेवलपर्स का दावा है कि वह 2023 के समझौते का हिस्सा नहीं थी लिहाजा वह इसकी शर्तों से बंधी नहीं है।

वादी कंपनी का कहना है कि रियल एस्टेट कारोबार में ‘लोढ़ा’ ब्रांड का नाम बहुत अच्छी प्रतिष्ठा रखता है, और पिछले दशक में मैक्रोटेक की घरेलू बाजार में संपत्ति बिक्री 91,000 करोड़ रुपये रही है।

वहीं ‘हाउस ऑफ अभिनंदन लोढ़ा’ लोढ़ा वेंचर्स का हिस्सा है, जिसे अभिनंदन लोढ़ा ने मैक्रोटेक डेवलपर्स छोड़ने के बाद स्थापित किया था।

भाषा प्रेम प्रेम अजय

अजय