मुंबई, 31 जनवरी (भाषा) बंबई उच्च न्यायालय ने व्यवसायी भाइयों अभिषेक लोढ़ा और अभिनंदन लोढ़ा को ‘‘लोढ़ा’’ ट्रेडमार्क के इस्तेमाल को लेकर अपने विवादों को सुलझाने के लिए मध्यस्थता का सहारा लेने का शुक्रवार को निर्देश दिया।
इस सप्ताह की शुरुआत में उच्च न्यायालय ने दोनों पक्षों को सौहार्दपूर्ण समाधान का प्रयास करने का सुझाव दिए जाने के बाद, भाइयों ने शुक्रवार को न्यायमूर्ति आरिफ डॉक्टर की एकल पीठ से कहा कि वे मध्यस्थता के लिए तैयार हैं।
पीठ ने उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश आर.वी. रवींद्रन को मध्यस्थ नियुक्त किया और कहा कि कार्यवाही पांच सप्ताह में पूरी करने का प्रयास किया जाएगा।
अदालत ने कहा, ‘‘ अगर मध्यस्थ को लगता है कि सकारात्मक प्रगति हुई है तो समय बढ़ा दिया जाएगा। अगर मध्यस्थता विफल हो जाती है तो मामले को 21 मार्च को अंतरिम राहत के लिए सूचबीद्ध किया जाएगा।’’
पीठ ने कहा कि पहले दोनों भाइयों के बीच मध्यस्थता की जाएगी और यदि आवश्यक हुआ तो बाद में अन्य संबंधित पक्षों को भी इसमें शामिल किया जाएगा।
अभिषेक लोढ़ा प्रवर्तित मैक्रोटेक डेवलपर्स लिमिटेड ने इस महीने की शुरुआत में अभिनंदन लोढ़ा की रियल एस्टेट कंपनी ‘द हाउस ऑफ अभिनंदन लोढ़ा’ के खिलाफ उच्च न्यायालय में मुकदमा दायर किया था। इसमें दावा किया गया था कि ‘‘लोढ़ा’’ नाम उनका ट्रेडमार्क है और कोई अन्य इसका उपयोग नहीं कर सकता है। अभिनंदन की कंपनी से 5,000 करोड़ रुपये का हर्जाना भी मांगा था।
एक अंतरिम आवेदन में मैक्रोटेक डेवलपर्स ने प्रतिवादियों के खिलाफ अपने ट्रेडमार्क ‘‘लोढ़ा’’ का उल्लंघन करने से स्थायी निषेधाज्ञा मांगी।
मैक्रोटेक डेवलपर्स ने अपने आवेदन में दावा किया था कि वह लोढ़ा समूह की प्रमुख कंपनी है। लोढ़ा समूह 1980 के दशक की शुरुआत में स्थापित एक अग्रणी रियल एस्टेट डेवलपर है, जो लोढ़ा ब्रांड नाम के तहत आवासीय और वाणिज्यिक संपत्तियां बेचता है।
‘द हाउस ऑफ अभिनंदन लोढ़ा’, लोढ़ा वेंचर्स का हिस्सा है, जिसकी स्थापना अभिनंदन ने मैक्रोटेक डेवलपर्स (पूर्ववर्ती लोढ़ा डेवलपर्स) छोड़ने के बाद की थी।
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निहारिका अजय
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