नयी दिल्ली, 13 सितंबर (भाषा) दूरसंचार विभाग ने सार्वजनिक खरीद में प्राथमिकता दिए जाने वाले 36 दूरसंचार उपकरणों की संशोधित सूची के साथ मसौदा मानदंड जारी कर दिए हैं। उपकरणों के स्वदेशी निर्माण में 50 से 65 प्रतिशत स्थानीय रूप से निर्मित घटकों का इस्तेमाल होने पर उन्हें खरीद में प्राथमिकता मिलेगी।
मसौदा अधिसूचना के तहत दूरसंचार विभाग ने सैटेलाइट फोन और अन्य सैटेलाइट संचार उपकरणों को उन उत्पादों की सूची में जोड़ा है जिन्हें स्थानीय मूल्य संवर्धन के आधार पर सार्वजनिक खरीद में प्राथमिकता मिलेगी। हालांकि इस सूची से 5जी दूरसंचार उपकरणों को बाहर रखा गया है।
विभाग की तरफ से 12 सितंबर को जारी मसौदा अधिसूचना के मुताबिक, प्रस्तावित नियम केंद्र की वित्तपोषित परियोजनाओं में राज्यों और स्थानीय निकायों द्वारा की जाने वाली खरीद पर भी लागू होंगे।
दूरसंचार विभाग ने अगस्त, 2018 में इसी तरह की एक सूची जारी की थी, लेकिन उसे सार्वजनिक विभागों के बीच पर्याप्त समर्थन नहीं मिल सका था।
प्रस्तावित मानदंड के मुताबिक, पहली श्रेणी वाले दूरसंचार उपकरणों में 50-65 प्रतिशत स्थानीय रूप से निर्मित घटक शामिल होने चाहिए। उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत दूरसंचार उपकरण बनाने वाली सभी कंपनियां दूसरी श्रेणी में आएंगी और सार्वजनिक खरीद में वरीयता के लिए पात्र गियर की सूची समय-समय पर दूरसंचार विभाग के पोर्टल पर अधिसूचित की जाएगी।
पीएलआई योजना की लाभार्थी कंपनी जीएक्स ग्रुप के मुख्य कार्यपालक अधिकारी परितोष प्रजापति ने कहा कि दूरसंचार उत्पादों की सार्वजनिक खरीद के लिए न्यूनतम सामग्री की जरूरत घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के लक्ष्य को प्राप्त करने में एक लंबा रास्ता तय करेगी।
घरेलू दूरसंचार उपकरण विनिर्माताओं के निकाय ‘वॉयस’ के महानिदेशक आर के भटनागर ने कहा कि यह अधिसूचना उन कमियों को दूर करेगी, जिनका सामना कंपनियों को किसी संदर्भ नियम के अभाव में सार्वजनिक खरीद में करना पड़ रहा था।
भाषा प्रेम प्रेम रमण
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