नकली दवाओं को वैध निर्माताओं के साथ जोड़ने से प्रतिष्ठा, वित्त पर गंभीर असर: आईपीए |

नकली दवाओं को वैध निर्माताओं के साथ जोड़ने से प्रतिष्ठा, वित्त पर गंभीर असर: आईपीए

नकली दवाओं को वैध निर्माताओं के साथ जोड़ने से प्रतिष्ठा, वित्त पर गंभीर असर: आईपीए

:   Modified Date:  September 29, 2024 / 04:45 PM IST, Published Date : September 29, 2024/4:45 pm IST

नयी दिल्ली, 29 सितंबर (भाषा) भारतीय औषधि गठबंधन (आईपीए) ने कहा है कि नकली उत्पादों को वैध विनिर्माताओं के साथ जोड़ने से उनकी प्रतिष्ठा और वित्त पर गंभीर असर पड़ता है।

आईपीए ने साथ ही जोड़ा कि नकली और घटिया दवाओं के बीच स्पष्ट अंतर करने की जरूरत है।

उद्योग निकाय का यह बयान केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की हाल की रिपोर्ट के बीच आया है। इस रिपोर्ट में 50 से अधिक उत्पादों को मानक गुणवत्ता (एनएसक्यू) के अनुरूप नहीं बताया गया है।

सन फार्मा, टोरेंट फार्मा, एल्केम लैबोरेटरीज और ग्लेनमार्क सहित विभिन्न दवा कंपनियों ने केंद्रीय औषधि नियामक प्राधिकरण की रिपोर्ट में चिह्नित दवाओं को नकली बताया और कहा कि इन दवाओं को उन्होंने नहीं बनाया।

उन्होंने जोर देकर कहा कि उनके उत्पाद गुणवत्ता मानकों के अनुरूप हैं।

आईपीए के महासचिव सुदर्शन जैन ने एक बयान में कहा, ”नकली दवाओं का निर्माण एक गंभीर आपराधिक अपराध है, जो सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए खतरा है। नकली उत्पादों को वैध निर्माताओं के साथ जोड़ने से उनकी प्रतिष्ठा और वित्त को रूप से गंभीर नुकसान होता है।”

उन्होंने कहा कि इससे वैश्विक स्तर पर दवाओं के एक विश्वसनीय आपूर्तिकर्ता के रूप में भारत की प्रतिष्ठा को भी नुकसान पहुंचता है।

जैन ने कहा कि आईपीए समग्र प्रणाली को मजबूत करने और नकली दवाओं के खिलाफ सख्त उपाय शुरू करने के लिए सरकार के साथ काम करना जारी रखेगा।

भाषा पाण्डेय अनुराग

अनुराग

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)