LIC Saral Pension Plan: आज के समय में भविष्य को सुरक्षित करने और बूढ़ापे में किसी भी तरह की परेशानी से बचने के लिए कई जगहों पर निवेश करते हैं। अगर आप भी ऐसा ही कुछ सोच रहे हैं तो आप शेयर बाजार से लेकर सरकारी योजनाओं तक लोग पैसा लगा सकते है। इसके अलावा एलआईसी और पोस्ट ऑफिस भी आपके लिए बेहतर ऑप्शन हो सकता है। इसमें आप बिना किसी रिस्क के पैसे निवेश कर सकते हैं। कुछ ऐसे भी लोग होते हैं, जो रिटायमेंट प्लान के तौ पर स्कीम का चयन करते हैं, ताकि हर महीने उनके अकाउंट में एक निश्चित राशि मिलती रहे। ऐसे ही एक प्लान के बारे में हम आपको यहां बताएंगे…
LIC का सरल पेंशन प्लान
हम बात कर रहे हैं LIC के सरल पेंशन प्लान (LIC Saral Pension Plan) की, जो रिटायरमेंट पर हर महीने पेंशन की गारंटी देती है। इस प्लान की खास बात ये है कि इसमें सिर्फ एक बार निवेश करना होता है और उम्र भर आपको पेंशन मिलती रहेगी। हर महीने निश्चित पेंशन देने वाली ये स्कीम रिटायरमेंट के बाद की इनवेस्टमेंट प्लानिंग में बिल्कुल फिट बैठती है। अगर कोई व्यक्ति प्राइवेट सेक्टर या सरकारी विभाग में नौकरी करता है और रिटायरमेंट से पहले अपने पीएफ फंड और ग्रेच्युटी अमाउंट से मिले पैसे को इसमें निवेश करता है तो उसे हर महीने पेंशन का लाभ जीवन भर मिलता रहेगा। इस प्लान को ऑनलाइन खरीदने के लिए आप एलआईसी की आधिकारिक वेबसाइट www.licindia.in पर विजिट कर सकते हैं।
कौन कर सकता है निवेश
बता दें कि LIC के इस प्लान में 40 साल से कम उम्र का व्यक्ति निवेश नहीं कर सकता है। हालांकि आप 80 साल तक इसमें कभी भी निवेश कर सकते हैं। इस पॉलिसी के तहत मंथली 1000 रुपये की एन्युटी तिमाही के तहत न्यूनतम 3000 रुपये, छमाही के तहत 6000 रुपये और सालाना आधार पर 12000 रुपये की एन्युटी लेनी होती है। LIC Calculator के मुताबिक, अगर कोई भी 42 साल का व्यक्ति 30 लाख रुपये की Annuity खरीदता है, तो उसे हर महीने 12,388 रुपये पेंशन मिलेगी।
पति-पत्नी साथ मिलकर भी ले सकते हैं स्कीम
इस स्कीम को आप अकेले या पति-पत्नी साथ मिलकर भी ले सकते हैं। इसमें पॉलिसीधारक को पॉलिसी शुरू होने की तारीख के छह महीने बाद कभी भी सरेंडर करने की सुविधा भी दी जाती है। इसके अलावा डेथ बेनेफिट के तहत अगर पॉलिसीधारक की मृत्यु हो जाती है, तो उसके नॉमिनी को निवेश की राशि वापस लौटा दी जाती है।
मिलेगी लोन की सुविधा
इस पॉलिसी के तहत अगर कोई परिवार में गंभीर बीमार हो जाता है तो पॉलिसी लेने के छह महीने बाद इस पॉलिसी को सरेंडर कर सकते हैं। इसके अलावा कोई भी व्यक्ति पॉलिसी शुरू करने के छह महीने बाद लोन ले सकता है।