कोटक बैंक का जून तिमाही का एकीकृत शुद्ध लाभ 79 प्रतिशत बढ़ा

कोटक बैंक का जून तिमाही का एकीकृत शुद्ध लाभ 79 प्रतिशत बढ़ा

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  • Publish Date - July 20, 2024 / 07:54 PM IST,
    Updated On - July 20, 2024 / 07:54 PM IST

मुंबई, 20 जुलाई (भाषा) कोटक महिंद्रा बैंक का एकीकृत शुद्ध लाभ चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में 79 प्रतिशत उछलकर 7,448 करोड़ रुपये हो गया। इसमें मुख्य रूप से योगदान बैंक की साधारण बीमा शाखा में हिस्सेदारी बिक्री और अनुषंगी कंपनियों के प्रदर्शन का रहा।

एकल आधार पर बैंक का शुद्ध लाभ जून तिमाही में दो प्रतिशत बढ़कर 3,520 करोड़ रुपये हो गया है। प्रबंधन ने माना कि इसमें प्रौद्योगिकी के मोर्चे पर कमियों के कारण भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की ओर से लगाए गए कारोबारी प्रतिबंधों का असर पड़ा।

बैंक के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) और प्रबंध निदेशक (एमडी) अशोक वासवानी ने कहा कि जून तिमाही के दौरान बैंक ने प्रौद्योगिकी के मोर्चे पर ‘महत्वपूर्ण प्रगति’ की है और अपनी प्रणालियों के आकलन के लिए परामर्श कंपनी ‘जीटी भारत’ को बाहरी लेखा परीक्षक के रूप में नियुक्त किया है।

उन्होंने कहा कि इसने एक्सेंचर, इन्फोसिस, ओरेकल और सिस्को जैसी बड़ी प्रौद्योगिकी कंपनियों से संसाधन लेकर अपनी आंतरिक टीम को भी मजबूत किया है। हालांकि, यह आरबीआई पर निर्भर करता है कि वह प्रतिबंध कब हटाना चाहता है। बैंक ने कहा कि आरबीआई के प्रतिबंधों के कारण क्रेडिट कार्ड कारोबार भी प्रभावित हुआ है।

बीते वित्त वर्ष की समान तिमाही में बैंक का शुद्ध लाभ 3,452 करोड़ रुपये रहा था।

कोटक महिंद्रा बैंक ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि समीक्षाधीन तिमाही में बैंक की कुल आमदनी बढ़कर 15,675 करोड़ रुपये हो गई, जो बीते वित्त वर्ष की समान तिमाही में 13,183 करोड़ रुपये थी।

बैंक की ब्याज से आमदनी जून तिमाही में बढ़कर 12,746 करोड़ रुपये हो गई, जो पिछले साल समान तिमाही में 10,500 करोड़ रुपये थी।

बैंक की सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां (एनपीए) सकल कर्ज के 1.39 प्रतिशत पर स्थिर रहीं।

इसी तरह, शुद्ध एनपीए घटकर 0.35 प्रतिशत रह गया, जो पिछले साल इसी तिमाही में 0.40 प्रतिशत था।

वासवानी ने कहा कि असुरक्षित ऋण के संबंध में जहां आरबीआई ने व्यवस्थित स्तर पर चिंता जताई है, कोटक महिंद्रा बैंक में भी कम टिकट आकार, ऋण ग्राहकों के लिए नए खंड और क्रेडिट कार्ड और व्यक्तिगत ऋण खंडों में अत्यधिक ऋण के कारण तनाव देखा गया है।

समीक्षाधीन तिमाही में बैंक की शुद्ध ब्याज आय सालाना आधार पर 10 प्रतिशत बढ़कर 6,842 करोड़ रुपये हो गई। हालांकि मार्च तिमाही के 6,909 करोड़ रुपये की तुलना में इसमें कमी आई।

भाषा अनुराग पाण्डेय

पाण्डेय