नयी दिल्ली, चार जनवरी (भाषा) किर्लोस्कर समूह की चार कंपनियों ने शनिवार को कहा कि उन्होंने प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण (सैट) के समक्ष एक अपील दायर की है। इस अपील में सेबी के उस पत्र को चुनौती दी गई है, जिसमें उनसे 11 सितंबर, 2009 को किर्लोस्कर परिवार के सदस्यों के बीच हुए पारिवारिक समझौता दस्तवेज (डीएफएस) का खुलासा करने को कहा था।
एक संयुक्त बयान में, किर्लोस्कर की कंपनियों – किर्लोस्कर फेरस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (केएफआईएल), किर्लोस्कर इंडस्ट्रीज लिमिटेड (केआईएल), किर्लोस्कर न्यूमेटिक कंपनी लिमिटेड, किर्लोस्कर ऑयल इंजन लिमिटेड – ने कहा कि उन्होंने 30 दिसंबर, 2024 के सेबी के पत्र को चुनौती देते हुए सैट के समक्ष अपील दायर की है।
इन कंपनियों ने कहा कि वे डीएफएस से बाध्य नहीं हैं और न ही इसका उन पर कोई प्रभाव पड़ता है या उन पर कोई प्रतिबंध या जवाबदेही बनती है।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने 30 दिसंबर, 2024 को लिखे पत्र में उन्हें सलाह दी है कि वे सेबी सूचीबद्धता दायित्वों और खुलासा शर्तों के नियम के तहत किर्लोस्कर परिवार के सदस्यों के बीच उनकी व्यक्तिगत क्षमता में किए गए पारिवारिक समझौते की जानकारी दें।
करीब 130 साल पुराने किर्लोस्कर समूह की परिसंपत्तियों पर नियंत्रण को लेकर किर्लोस्कर ब्रदर्स लिमिटेड के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक संजय किर्लोस्कर और अतुल किर्लोस्कर एवं राहुल किर्लोस्कर के बीच डीएफएस को लेकर 2016 से ही विवाद चल रहा है।
राहुल किर्लोस्कर, किर्लोस्कर न्यूमेटिक कंपनी लिमिटेड (केपीसीएल) के कार्यकारी चेयरमैन हैं जबकि अतुल किर्लोस्कर, किर्लोस्कर ऑयल इंजन लिमिटेड (केओईएल) के कार्यकारी चेयरमैन हैं।
कंपनियों का दावा है कि डीएफएस के बाध्यकारी होने का मामला 2018 से ही दीवानी अदालत में विचाराधीन है।
भाषा पाण्डेय
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