कर्नाटक मंत्रिमंडल ने श्रमिक कल्याण कोष बढ़ाने के लिए विधेयक को मंजूरी दी |

कर्नाटक मंत्रिमंडल ने श्रमिक कल्याण कोष बढ़ाने के लिए विधेयक को मंजूरी दी

कर्नाटक मंत्रिमंडल ने श्रमिक कल्याण कोष बढ़ाने के लिए विधेयक को मंजूरी दी

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Modified Date:  November 28, 2024 / 10:08 PM IST
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Published Date:  November 28, 2024 10:08 pm IST

बेंगलुरु, 28 नवंबर (भाषा) कर्नाटक मंत्रिमंडल ने बृहस्पतिवार को कर्नाटक श्रमिक कल्याण कोष (संशोधन) विधेयक को मंजूरी दे दी। इससे श्रमिक कल्याण कोष में वृद्धि होगी।

कर्नाटक के कानून और संसदीय मामलों के मंत्री एच के पाटिल ने राज्य मंत्रिमंडल की बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया कि विधेयक पारित होने के बाद, श्रमिक का हिस्सा 50 रुपये, नियोक्ता का हिस्सा 100 रुपये और सरकार का हिस्सा 50 रुपये होगा।

उनके अनुसार, अबतक श्रमिक का योगदान 20 रुपये, नियोक्ता का 40 रुपये और राज्य सरकार का 20 रुपये था।

पाटिल ने कहा, ‘‘यह कर्नाटक श्रमिक कल्याण कोष में जाएगा। इससे कोष को बड़ा बनाने में मदद मिलेगी।’’

कोष को पहले सालाना 80 करोड़ रुपये मिलते थे, जो बढ़कर सालाना 200 करोड़ रुपये हो गए हैं।

उन्होंने बताया कि अतीत में श्रमिकों के कल्याण पर काफी राशि खर्च की गई है। पिछले चार-पांच साल में कल्याण कोष का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया गया।

इसके अलावा, कर्नाटक भूजल विनियमन और विकास एवं प्रबंधन नियंत्रण संशोधन विधेयक को आज मंत्रिमंडल में मंजूरी दे दी गई।

इस विधेयक का उद्देश्य खुले बोरवेल की निगरानी करना है। इसके कारण कई दुर्घटनाएं हुईं हैं।

दुर्घटना की स्थिति में इसमें एक साल की कैद और 10,000 रुपये जुर्माने का प्रावधान है। खुले बोरवेल के प्रति लापरवाही बरतने पर तीन महीने की कैद और 5,000 रुपये जुर्माने का प्रावधान है।

कैबिनेट की मंजूरी पाने वाला एक अन्य महत्वपूर्ण विधेयक कर्नाटक राज्य ग्रामीण विकास और पंचायत राज विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक है।

पाटिल ने कहा, ‘‘अभी तक राज्यपाल कुलाधिपति थे, लेकिन इस संशोधन के साथ, मुख्यमंत्री कर्नाटक राज्य ग्रामीण विकास और पंचायत राज विश्वविद्यालय के कुलाधिपति होंगे।’’

इसके कारण का विवरण देते हुए उन्होंने कहा कि विधेयक विश्वविद्यालय को और अधिक सक्रिय बनाएगा और त्वरित निर्णय लिए जा सकेंगे। कैबिनेट ने यह फैसला इसलिए लिया क्योंकि ये विश्वविद्यालय सीधे तौर पर प्रशासन, पंचायत प्रशासन और ग्रामीण विकास से जुड़े हैं।

भाषा राजेश राजेश रमण

रमण

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)