(फाइल फोटो के साथ)
नयी दिल्ली, पांच नवंबर (भाषा) केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रल्हाद जोशी ने सौर परियोजनाओं की दक्षता बढ़ाने, लागत कम करने और ऊर्जा भंडारण समाधान विकसित करने पर मंगलवार को जोर दिया।
अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) के एक सम्मेलन में जोशी ने हितधारकों से ‘स्मार्ट’ प्रौद्योगिकियों के साथ जुड़ाव पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया और कहा कि सौर उद्योग का विकास तेजी से होगा।
जोशी 120 देशों के इस समूह के अध्यक्ष भी हैं।
मंत्री ने कहा, ‘‘ मैं आपको पांच कारण बताता हूं कि इस तरह के मंच क्यों महत्वपूर्ण हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि इससे व्यवसाय के सर्वश्रेष्ठ लोग बढ़ती दक्षता, लागत में कमी, ऊर्जा भंडारण समाधान, ‘स्मार्ट’ प्रौद्योगिकियों के साथ जुड़ाव, आर्थिक वृद्धि और रोजगार सृजन पर चर्चा के लिए एकसाथ आते हैं।’’
यह सत्र अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन की 7वीं महासभा के साथ आयोजित किया गया। इसमें अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।
जोशी ने इस क्षेत्र में भारत द्वारा की प्रगति का हवाला देते हुए कहा कि सौर उद्योग का विकास सौर प्रणालियों के विनिर्माण, स्थापना तथा रखरखाव में रोजगार सृजित कर आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देता है।
नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री (एमएनआरई) ने कहा, ‘‘ मैं आपको भारत की क्रांतिकारी प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना का उदाहरण देता हूं। इस योजना से विभिन्न क्षेत्रों में प्रत्यक्ष तौर पर करीब 17 लाख नौकरियों का सृजन होने की उम्मीद है।’’
भारत 3.25 लाख से अधिक युवाओं को छतों पर सौर ऊर्जा पैनल लगाने का प्रशिक्षण भी देगा।
उन्होंने कहा कि इस प्रशिक्षण में स्थापना तथा रखरखाव शामिल होगा, जिससे युवा सौर उद्योग में अपना करियर बना सकेंगे और अपने समुदायों में उद्यमशीलता को बढ़ावा दे सकेंगे।
मंत्री ने साथ ही कहा, ‘‘ सौर ऊर्जा के भविष्य पर चर्चा करते समय हमें ‘स्मार्ट’ दृष्टिकोण को ध्यान में रखना होगा। हमें न केवल दक्षता को अधिकतम करना होगा, बल्कि अधिक टिकाऊ ऊर्जा परिवेश बनाने में भी योगदान देना होगा।’’
दक्षता बढ़ाने के बारे में जोशी ने कहा कि पारंपरिक सौर पैनल सूर्य के प्रकाश का करीब 15-20 प्रतिशत हिस्सा बिजली में परिवर्तित करते हैं, लेकिन द्विमुखी पैनल (दोनों तरफ सौर सेल वाले) जैसे नवाचार इसकी क्षमता को और अधिक बढ़ा रहे हैं।
जोशी ने प्रतिनिधियों को बताया, ‘‘ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने सौर ऊर्जा शुल्क में करीब 76 प्रतिशत की कटौती की है। ग्रिड से जुड़े सौर ऊर्जा संयंत्रों के लिए शुल्क वित्त वर्ष 2010-11 के 10.95 रुपये से घटाकर वित्त वर्ष 2023-24 में 2.60 रुपये कर दिया गया है।’’
मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि मौसम और दिन में रोशनी के समय के आधार पर सौर ऊर्जा का उत्पादन रुक-रुक कर हो सकता है। इसलिए नई भंडारण प्रौद्योगिकियां महत्वपूर्ण हैं।
उन्होंने कहा कि ऊर्जा भंडारण, बिजली प्रणालियों को निरंतर सौर ऊर्जा आपूर्ति सुनिश्चित करने की कुंजी है। यह लचीलापन हासिल करने, ग्रिड विश्वसनीयता और बिजली की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए एक समाधान प्रदान करता है।
भाषा निहारिका अजय
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