झारखंड मंत्रिमंडल ने 45 लाख महिलाओं के लिए वित्तीय सहायता योजना को दी मंजूरी

झारखंड मंत्रिमंडल ने 45 लाख महिलाओं के लिए वित्तीय सहायता योजना को दी मंजूरी

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  • Publish Date - June 28, 2024 / 10:06 PM IST,
    Updated On - June 28, 2024 / 10:06 PM IST

रांची, 28 जून (भाषा) झारखंड मंत्रिमंडल ने राज्य की 45 लाख महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक महत्वाकांक्षी वित्तीय सहायता योजना को शुक्रवार को मंजूरी दी।

एक अधिकारी ने बताया कि ‘मुख्यमंत्री बहन बेटी स्व-सहायता प्रोत्साहन योजना’ के तहत प्रत्येक महिला को 1,000 रुपये प्रति माह मिलेंगे। राज्य सरकार इस पहल के लिए सालाना 5,500 करोड़ रुपये वहन करेगी।

मुख्यमंत्री चंपई सोरेन की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यह मंजूरी दी गई।

मंत्रिमंडल सचिव वंदना दादेल ने कहा, ‘‘मंत्रिमंडल ने राज्य में महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए महत्वाकांक्षी योजना को मंजूरी दे दी है।’’

महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग के सचिव मनोज कुमार ने बताया कि यह योजना 21 से 50 वर्ष की आयु की महिलाओं के लिए है। आयकरदाता, सरकारी कर्मचारी, ईपीएफ धारक और कुछ अन्य श्रेणियों को इस योजना के लाभ से बाहर रखा गया है।

कुमार ने कहा कि इस योजना का उद्देश्य महिलाओं को सशक्त बनाना, उन्हें आत्मनिर्भर बनाना और उनके लिए बेहतर शिक्षा तथा स्वास्थ्य सुनिश्चित करना है।

उन्होंने कहा, ‘‘ राज्य सरकार इस योजना के लिए प्रति वर्ष 5,500 करोड़ रुपये वहन करेगी।’’

विभाग जल्द ही आवेदन जुटाने के लिए अभियान शुरू करेगा ताकि अधिक से अधिक महिलाएं इसका लाभ उठा सकें।

झारखंड मंत्रिमंडल ने जनवरी में 50 वर्ष से अधिक आयु की सभी महिलाओं, आदिवासियों और दलितों को वृद्धावस्था पेंशन योजना में शामिल करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी।

इससे पहले इस योजना का लाभ केवल 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को ही मिलता था, जिसके तहत प्रत्येक लाभार्थी को प्रति माह 1,000 रुपये प्रदान किए जाते हैं।

एक अन्य फैसले में झारखंड मंत्रिमंडल ने घरेलू उपभोक्ताओं के लिए मुफ्त बिजली की पात्रता 125 यूनिट प्रति माह से बढ़ाकर 200 यूनिट प्रति माह करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है।

मुफ्त बिजली योजना पर दादेल ने कहा कि सरकार इसके लिए प्रति माह लगभग 21.7 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ वहन करेगी।

उन्होंने कहा कि इस निर्णय से लगभग 41.4 लाख उपभोक्ताओं को लाभ मिलेगा।

भाषा निहारिका अनुराग रमण

रमण