सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय कृत्रिम मेधा मामले में स्वैच्छिक आचार संहिता पर कर रहा काम

सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय कृत्रिम मेधा मामले में स्वैच्छिक आचार संहिता पर कर रहा काम

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  • Publish Date - November 18, 2024 / 07:04 PM IST,
    Updated On - November 18, 2024 / 07:04 PM IST

नयी दिल्ली, 18 नवंबर (भाषा) सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय कृत्रिम मेधा (एआई) से जुड़े कामकाज को लेकर स्वैच्छिक आचार संहिता तैयार कर रहा है। इस संबंध में कंपनियों और संबंधित पक्षों के साथ बातचीत चल रही है। एक सूत्र ने यह जानकारी दी।

कंपनियों के बीच कृत्रिम मेधा पर जोर के बीच दुनियाभर के देश एआई से संबंधित जिम्मेदार गतिविधियों के महत्व पर जोर दे रहे हैं।

सूत्र ने कहा कि एआई फर्मों के लिए स्वैच्छिक आचार संहिता और नैतिकता पर काम फिलहाल जारी है।

यूनेस्को (संयुक्त राष्ट्र शैक्षणिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन) ने पिछले सप्ताह आईटी मंत्रालय के सहयोग से कृत्रिम मेधा को लेकर सुरक्षा और नैतिकता पर संबंधित पक्षों के बीच एक विचार-विमर्श का सत्र आयोजित किया था। भारत का लक्ष्य एक ऐसी नीति तैयार करना है जो ‘सभी के लिए एआई’ की कल्पना करती है।

यह पहल ऐसे में हुई जब भारत ने 10,000 करोड़ रुपये से अधिक के वित्तपोषण के साथ अपने महत्वाकांक्षी ‘भारत एआई मिशन’ की शुरुआत की है।

मिशन का मकसद एआई को सुरक्षित और भरोसेमंद बनाना है। यह एआई विकास और उपयोग में सुरक्षा, जवाबदेही और नैतिक गतिविधियों को सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

एआई मिशन का उद्देश्य नवप्रवर्तकों को सशक्त बनाना और सभी क्षेत्रों में एआई के लाभ को लाना है।

भाषा रमण अजय

अजय