पार्टिसिपेटरी नोट के जरिये निवेश मार्च में बढ़कर 1.49 लाख करोड़ रुपये पर

पार्टिसिपेटरी नोट के जरिये निवेश मार्च में बढ़कर 1.49 लाख करोड़ रुपये पर

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  • Publish Date - June 26, 2024 / 06:27 PM IST,
    Updated On - June 26, 2024 / 06:27 PM IST

नयी दिल्ली, 26 जून (भाषा) देश के पूंजी बाजार में पार्टिसिपेटरी नोट (पी-नोट) के माध्यम से निवेश इस साल मार्च में सालाना आधार पर बढ़कर 1.49 लाख करोड़ रुपये रहा। मजबूत घरेलू वृहद आर्थिक परिदृश्य के साथ निवेश बढ़ा है।

ताजा आंकड़ों में भारतीय शेयर, बॉन्ड और हाइब्रिड प्रतिभूतियों (इक्विटी और बॉन्ड का मिश्रण) में पी-नोट के जरिये निवेश का मूल्य शामिल है।

पार्टिसिपेटरी नोट (पी-नोट) पंजीकृत विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) उन विदेशी निवेशकों को जारी करते हैं जो भारतीय बाजार में पंजीकृत हुए बिना यहां के शेयर बाजार का हिस्सा बनना चाहते हैं। हालांकि, उन्हें उपयुक्त जांच प्रक्रिया से गुजरने की आवश्यकता होती है।

बाजार नियामक सेबी के आंकड़ों के अनुसार, भारतीय बाजारों – शेयर, बॉन्ड और हाइब्रिड प्रतिभूतियों में पी-नोट निवेश का मूल्य मार्च, 2024 के अंत में 1,49,120 करोड़ रुपये रहा जो मार्च, 2023 के अंत में 88,600 रुपये से कहीं अधिक है।

मासिक आधार पर, निवेश फरवरी के अंत में 1,49,517 करोड़ रुपये से थोड़ा कम रहा।

पी-नोट में वृद्धि आम तौर पर एफपीआई प्रवाह के रुख के अनुरूप होती है। जब वैश्विक स्तर पर जोखिम होता है, तो इसके जरिये निवेश बढ़ता है जबकि अनुकूल माहौल होने पर निवेश कम होता है।

बाजार विशेषज्ञों ने कहा कि मार्च में पी-नोट निवेश का श्रेय सकारात्मक आर्थिक वृद्धि को दिया जा सकता है। विनिर्माण, खनन और निर्माण क्षेत्रों के अच्छे प्रदर्शन के कारण 2023-24 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 8.2 प्रतिशत रही है।

मार्च, 2024 तक पी-नोट के जरिये गये गये कुल 1.49 लाख करोड़ रुपये के निवेश में से 1.28 लाख करोड़ रुपये इक्विटी में, 20,806 करोड़ रुपये बॉन्ड में और 346 करोड़ रुपये ‘हाइब्रिड’ प्रतिभूतियों में निवेश किये गये।

इस बीच, एफपीआई ने इस साल मार्च में भारतीय शेयर बाजार में 35,000 करोड़ रुपये और बॉन्ड बाजार में 13,602 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया।

भाषा रमण अजय

अजय