नयी दिल्ली, 25 नवंबर (भाषा) सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) उद्योग के निकाय नैसकॉम ने कहा है कि भारत की जेनरेटिव कृत्रिम मेधा (जेन-एआई) पारिस्थितिकी वैश्विक स्तर पर सुस्ती के बीच उल्लेखनीय रूप से बढ़ी है और इसमें तिमाही निवेश में छह गुना वृद्धि दर्ज की गई है।
नैसकॉम ने सोमवार को जेनरेटिव एआई पर जारी एक रिपोर्ट में भारत के जेनरेटिव एआई परिदृश्य के भीतर वित्तपोषण और नवाचार में मजबूत उछाल का ब्योरा पेश किया।
रिपोर्ट कहती है कि भारतीय जेन-एआई स्टार्टअप वित्तपोषण जुलाई-सितंबर तिमाही में लगभग 5.1 करोड़ डॉलर था जो तिमाही आधार पर छह गुना से अधिक है। इसके पीछे बी2बी और एआई स्टार्टअप की अहम भूमिका रही। जून तिमाही के कमजोर प्रदर्शन के बाद दूसरी तिमाही में वित्तपोषण दौर में वृद्धि देखी गई।
नैसकॉम की रिपोर्ट के मुताबिक, जेनरेटिव एआई से जुड़े अनुप्रयोगों को सबसे अधिक वित्तपोषण हासिल हुआ।
हालांकि, वैश्विक स्तर पर जेनएआई स्टार्टअप वित्तपोषण सितंबर तिमाही में लगभग चार अरब डॉलर रहा जो जून तिमाही की तुलना में 2.3 गुना गिरावट दर्शाता है।
भारत की अधिकांश प्रमुख और मध्यम आकार की प्रौद्योगिकी कंपनियां 2023 की शुरुआत से ही जेनएआई मंचों के विकास कार्यों में जुड़ी हुई हैं। इन मंचों को धीरे-धीरे मल्टीमॉडल, मल्टी-मॉडल डेटा, एआई और क्लाउड एकीकरण पारिस्थितिकी के साथ पेश किया जा रहा है।
नैसकॉम की वरिष्ठ उपाध्यक्ष और मुख्य रणनीति अधिकारी संगीता गुप्ता ने कहा, ‘‘जेनरेटिव एआई परिदृश्य तेजी से विकसित हो रहा है, प्रौद्योगिकी सेवा प्रदाताओं को नया आकार दे रहा है और नई क्षमताओं को जन्म दे रहा है। प्रदाता रणनीतियों का नए सिरे से मूल्यांकन कर रहे हैं और प्रौद्योगिकी एवं प्रतिभा में निवेश बढ़ा रहे हैं।’’
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