बैंक-प्रौद्योगिकी क्षेत्र में निवेश 2027 अंत तक एक अरब डॉलर होने की उम्मीदः सीडर-आईबीएसआई कैपिटल

बैंक-प्रौद्योगिकी क्षेत्र में निवेश 2027 अंत तक एक अरब डॉलर होने की उम्मीदः सीडर-आईबीएसआई कैपिटल

बैंक-प्रौद्योगिकी क्षेत्र में निवेश 2027 अंत तक एक अरब डॉलर होने की उम्मीदः सीडर-आईबीएसआई कैपिटल
Modified Date: March 30, 2025 / 03:14 pm IST
Published Date: March 30, 2025 3:14 pm IST

नयी दिल्ली, 30 मार्च (भाषा) उद्यम पूंजी (वीसी) कोष सीडर-आईबीएसआई कैपिटल ने रविवार को कहा कि देश के बैंक-प्रौद्योगिकी क्षेत्र में निवेश वर्ष 2027 के अंत तक एक अरब डॉलर तक पहुंच जाने का अनुमान है।

इसने कहा कि देश 2030 तक सात लाख करोड़ डॉलर के अपने सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है और बैंकिंग क्षेत्र आर्थिक वृद्धि को आगे बढ़ाने में प्रमुख भूमिका निभाएगा।

कंपनी ने कहा, ‘‘भारत के बैंक-प्रौद्योगिकी क्षेत्र में निवेश वर्ष 2027 के अंत तक एक अरब डॉलर तक पहुंच जाने का अनुमान है।’’ सीडर-आईबीएसआई कैपिटल के संस्थापक और प्रबंध साझेदार साहिल आनंद ने कहा कि प्रौद्योगिकी क्रांति भारत में बैंकिंग सेवाओं को बदल रही है, जिससे बैंकों के मुख्य कार्य डिजिटलीकरण को अपनाते जा रहे हैं।

 ⁠

उन्होंने एक शोध का हवाला देते हुए कहा कि लगभग 80 प्रतिशत पारंपरिक बैंकिंग सेवाएं अब डिजिटल रूप से संचालित की जा सकती हैं।

उन्होंने कहा कि वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने और वंचित क्षेत्रों में उपभोक्ताओं तक बैंकिंग सेवाएं पहुंचाने में प्रौद्योगिकी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

आनंद ने कहा कि क्लाउड कंप्यूटिंग बैंकिंग क्षेत्र में एक परिवर्तनकारी शक्ति के रूप में उभरी है, जो बैंकिंग बुनियादी ढांचे के लिए मापनीयता, चपलता और लागत-दक्षता प्रदान करती है।

उन्होंने कहा कि ब्लॉकचेन सुरक्षित और पारदर्शी लेनदेन को सक्षम करने में तेजी से मदद कर रहा है और आपूर्ति श्रृंखला वित्त एवं पहचान प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में क्रांति ला रहा है।

सीडर-आईबीएसआई कैपिटल 240 करोड़ रुपये का कोष है, जिसने अब तक बैंक-प्रौद्योगिकी क्षेत्र में दो निवेश किए हैं। यह 10-15 ऐसे शुरुआती चरण के स्टार्टअप तक पोर्टफोलियो का विस्तार करने की उम्मीद कर रहा है।

इसने कहा, ‘‘बैंकिंग प्रौद्योगिकी पारिस्थितिकी तंत्र के भीतर 8-10 उच्च प्रदर्शन करने वाले उद्यमों को वित्तीय रूप से मजबूत करने पर गहन ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।’’

भाषा प्रेम प्रेम अजय

अजय


लेखक के बारे में