ऑनलाइन गेमिंग मंच से अनुपालन सुनिश्चित करने को अंतर-विभागीय समिति की होगी स्थापना

ऑनलाइन गेमिंग मंच से अनुपालन सुनिश्चित करने को अंतर-विभागीय समिति की होगी स्थापना

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  • Publish Date - September 15, 2024 / 05:50 PM IST,
    Updated On - September 15, 2024 / 05:50 PM IST

नयी दिल्ली, 15 सितंबर (भाषा) ऑनलाइन गेमिंग मंचों के प्रसार से निपटने और नियामक अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई), कर और उपभोक्ता मामलों के विभागों के प्रतिनिधियों के साथ एक अंतर-विभागीय समिति स्थापित की जा सकती है।

जीएसटी खुफिया महानिदेशालय (डीजीजीआई) की रिपोर्ट में कहा गया कि केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) की जीएसटी खुफिया इकाई ने 118 घरेलू ऑनलाइन गेमिंग संस्थाओं के खिलाफ कार्रवाई शुरू की है और 34 करदाताओं को 1,10,531.91 करोड़ रुपये की कर राशि के संबंध में कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं।

इन गेमिंग कंपनियों को नोटिस इसलिए जारी किए गए क्योंकि वे 28 प्रतिशत की दर से माल एवं सेवा कर (जीएसटी) का भुगतान नहीं कर रही थीं।

इसके अलावा, 658 अपतटीय संस्थाओं की पहचान गैर-पंजीकृत/गैर-अनुपालन संस्थाओं के रूप में की गई है और डीजीजीआई द्वारा उनकी जांच की जा रही है। साथ ही, 167 यूआरएल/वेबसाइटों को ब्लॉक करने की सिफारिश की गई है।

डीजीजीआई की सालाना रिपोर्ट 2023-24 में कहा गया है कि ऑनलाइन मनी गेमिंग कर चोरी, धनशोधन, साइबर धोखाधड़ी, किशोर अपराध और विभिन्न सामाजिक-आर्थिक बुराइयों के लिए एक ‘उच्च जोखिम’ वाला उद्योग है। एक अक्टूबर, 2023 से कानूनी स्पष्टता के बावजूद, गेमिंग संस्थाओं को कर के दायरे में लाना एक कठिन काम बना हुआ है।

ऐसी कई कंपनियां अपतटीय कर पनाहगाहों (जैसे माल्टा, कुराकाओ द्वीप, ब्रिटिश वर्जिन द्वीप, साइप्रस आदि) में स्थापित की जाती हैं, जो अपनी अस्पष्टता के लिए जाने जाते हैं, जिससे उनके अंतिम स्वामित्व का पता लगाना मुश्किल हो जाता है।

डीजीजीआई ने कहा कि ऐसे ऑनलाइन गेमिंग मंच हैं जो कर अनुपालन से बचने के लिए अपने यूआरएल/वेबसाइट/ऐप्स बदलते रहते हैं। डार्क वेब या वीपीएन आधारित मंच का उपयोग करने से कानून प्रवर्तन में कठिनाइयां और बढ़ जाती हैं।

भाषा अनुराग पाण्डेय

पाण्डेय