सोनमर्ग, 13 जनवरी (भाषा) केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को कहा कि विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने के लिए बुनियादी ढांचे का विकास जरूरी है क्योंकि अर्थव्यवस्था अच्छे परिवहन और संचार सुविधाओं पर निर्भर करती है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सोनमर्ग सुरंग का उद्घाटन करने के बाद एक रैली को संबोधित करते हुए गडकरी ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने हमें विकसित और समृद्ध भारत का मिशन दिया है। अगर हमें विकसित भारत हासिल करना है, तो हमें देश के बुनियादी ढांचे में सुधार करना होगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जब तक पानी, बिजली, परिवहन और संचार का विकास नहीं होगा, उद्योग, व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा नहीं मिलेगा।’’
गडकरी ने कहा, ‘‘हमें इस बुनियादी ढांचे को विकसित करने का काम सौंपा गया है। अच्छी सड़कें देश को विकसित और समृद्ध बनाती हैं। हम जम्मू-कश्मीर को विकसित और समृद्ध बनाने के मिशन पर काम कर रहे हैं ताकि यहां उद्योग स्थापित हों, पर्यटन बढ़े, युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा हों, और गरीबी खत्म हो। हम इस सोच के साथ जम्मू-कश्मीर में बुनियादी ढांचे का विकास कर रहे हैं।’’
गडकरी ने कहा कि सोनमर्ग सुरंग का उद्घाटन ऐतिहासिक है और यह पर्यटक रिजॉर्ट शहर को हर मौसम में संपर्क सुविधा प्रदान करेगी। पहले, इसे जेड-मोड़ सुरंग के नाम से जाना जाता था।
उन्होंने कहा, ‘‘आज एक ऐतिहासिक दिन है। प्रधानमंत्री ने सोनमर्ग सुरंग का उद्घाटन किया। इस सड़क के बंद होने (भारी बर्फबारी के कारण) के कारण, कुछ क्षेत्र हर साल पांच से छह महीने तक बंद रहते थे।
मंत्री ने कहा, ‘‘इसे 2012 में शुरू किया गया था। इसके निर्माण में कई कठिनाइयां थीं। आज, मुझे खुशी है कि काम पूरा हो गया है। इस सुरंग के खुलने से श्रीनगर से लद्दाख, लेह राजमार्ग विशेष रूप से जुड़ेंगे, जो अक्सर पांच-छह महीने बंद रहते थे।’’
उन्होंने कहा कि पास के जोजिला सुरंग के निर्माण का भी काम जारी है और एक बार यह खुल जाती है, तो इससे श्रीनगर से लेह के बीच यात्रा समय 3.5 घंटे कम हो जाएगा। साथ ही सड़क हर मौसम खुली होगी।
जोजिला सुरंग 14 किमी लंबी है। इसका निर्माण 6,800 करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है। जब हमने पांचवीं बार परियोजना के लिए निविदा निकाली तो सरकार ने इसकी लागत 12,000 करोड़ रुपये तय की थी। हालांकि, मुझे आपको (प्रधानमंत्री) यह बताते हुए खुशी हो रही है कि हम इसे 6,800 करोड़ रुपये में पूरा कर रहे हैं और लगभग 5,000 करोड़ रुपये की बचत की है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जोजिला सुरंग एशिया की सबसे ऊंची सुरंग है, जिससे श्रीनगर और लेह के बीच यात्रा का समय 3.5 घंटे कम हो जाएगा और लोगों को हर मौसम में कनेक्टिविटी मिलेगी जिससे उनके जीवन में आसानी होगी।’’
जम्मू-कश्मीर में विकास से जुड़ी अन्य परियोजनाओं के बारे में गडकरी ने कहा कि उनका मंत्रालय 50,000 करोड़ रुपये की लागत से केंद्र शासित प्रदेश में चार गलियारे बना रहा है।
उन्होंने कहा कि 250 किलोमीटर लंबा जम्मू…उधमपुर…श्रीनगर गलियारा 16,000 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जाएगा। हम इस साल के अंत तक इस परियोजना को पूरा करने का प्रयास कर रहे हैं।
दूसरा गलियारा जम्मू…चेनानी…अनंतनाग है। यह 202 किलोमीटर लंबा है और 14,000 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जा रहा है। यह दिसंबर 2025 तक पूरा हो जाएगा।
तीसरा गलियारा सुरनकोट…शोपियां…बारामूला…उरी है, जो 303 किलोमीटर लंबा है। इसे 10,000 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जा रहा है और यह 2027 तक पूरा हो जाएगा।
गडकरी ने कहा कि चौथा जम्मू…अखनूर…सूरनकोट…पुंछ गलियारा है, जो 203 किलोमीटर लंबा है। परियोजना लागत 5,000 करोड़ रुपये है। विस्तृत परियोजना रिपोर्ट पर काम जारी है और ये सभी गलियारे जम्मू-कश्मीर की जीवन रेखा होंगे।
उन्होंने यह भी घोषणा की कि एक अन्य महत्वपूर्ण गलियारा कठुआ…बसोहली…भद्रवाह…डोडा के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट पर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
यह 3,400 करोड़ रुपये की लागत वाली चार-लेन की 250 किलोमीटर लंबी परियोजना है। इससे पंजाब के लोग जम्मू जाने के बिना सीधे कठुआ से श्रीनगर जा सकते हैं।
गडकरी ने कश्मीर को दिल्ली से जोड़ने और दिलों के बीच दूरियां कम करने के मोदी के सपने का जिक्र करते हुए कहा कि दिल्ली…अमृतसर…कटरा नया एक्सप्रेसवे 41,000 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जा रहा है और 670 किमी लंबा है। यह इस साल के अंत तक पूरा हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि हम इस पर काम कर रहे हैं कि आप (प्रधानमंत्री) इसे इस साल के अंत तक राष्ट्र को समर्पित कर दें।
भाषा रमण अजय
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