नवोन्मेष को बढ़ावा देने के लिए एक लाख करोड़ रुपये के कोष का उपयोग करे उद्योग: गोयल

नवोन्मेष को बढ़ावा देने के लिए एक लाख करोड़ रुपये के कोष का उपयोग करे उद्योग: गोयल

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  • Publish Date - November 21, 2024 / 04:19 PM IST,
    Updated On - November 21, 2024 / 04:19 PM IST

नयी दिल्ली, 21 नवंबर (भाषा) वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बृहस्पतिवार को उद्योग जगत से देश में नवोन्मेष को बढ़ावा देने और अनुसंधान-आधारित परिवेश बनाने के लिए अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन (एएनआरएफ) के तहत एक लाख करोड़ रुपये के कोष का उपयोग करने को कहा।

गोयल ने उद्योग मंडल फिक्की की 97वीं वार्षिक आम बैठक और सम्मेलन में यह भी उम्मीद जताई कि भारत को अनुसंधान एवं विकास परिवेश विकसित करने में मदद करने की सरकार की पहल से उद्योग के लोगों की रुचि बढ़ेगी।

मंत्री ने कोष प्राप्त करने की प्रक्रियाओं को परिणाम उन्मुख बनाने और समय के लिहाज से कुशल बनाने के लिए सुझाव भी मांगे।

गोयल ने लोगों की जरूरतों को पूरा करने और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए नवोन्मेष को बढ़ावा देने और उद्योग के साथ सहयोग के लिए उद्योग-शैक्षणिक-सरकारी भागीदारी का हिस्सा बनने को लेकर निजी क्षेत्र के संस्थानों को लाने की वकालत की।

उन्होंने कहा, ‘‘ इस पूंजी (एएनआरएफ) के साथ और अगर हम इसे जल्दी से उपयोग कर सकते हैं, तो मैं आपको भरोसा दिलाता हूं, सरकार अतिरिक्त कोष से पीछे नहीं हटेगी।’’

गोयल ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार के तहत डिजिटल इंडिया, प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना… सौभाग्य, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई), आयुष्मान भारत जैसी अन्य पहल की गईं।

स्वच्छ भारत मिशन (एसबीएम) के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) पहल के तहत स्कूलों और कॉलेजों में शौचालय बनाये जाने से बच्चों के भविष्य पर बड़ा सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। इससे भारत की विकास गाथा बढ़ेगी।

गोयल ने उद्योग जगत से अधिक सक्रिय भूमिका निभाने और अनुपालन बोझ को कम करने और व्यवसायों के लिए नुकसानदायक कानूनों को अपराधमुक्त करने के अपने एजेंडा में सरकार के साथ मिलकर काम करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि इससे कारोबार सुगमता की स्थिति में और सुधार होगा।

मंत्री ने देश में गुणवत्ता मानकों को बढ़ाने और मानकों को बनाए रखने के लिए फिक्की से अपनी तकनीकी समितियों में प्रत्येक उद्योग से एक प्रतिनिधि शामिल करने का आग्रह किया।

भाषा रमण अजय

अजय अनुराग

अनुराग