नयी दिल्ली, एक फरवरी (भाषा) नरेन्द्र मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के दूसरे बजट में दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने और रोजगार सृजन के लिए एक व्यापक खाका पेश किया गया है, जिसमें उपभोग को बढ़ावा देने और निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए ‘साहसिक’ सुधारों की भारी खुराक दी गई है। उद्योग जगत ने शनिवार को पेश बजट के बाद यह प्रतिक्रिया दी।
वेदांता लिमिटेड के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने कहा कि बजट ने सही दिशा में कदम बढ़ाया है, जिसमें मध्यम वर्ग को बड़ी राहत प्रदान करते हुए 12 लाख रुपये प्रति वर्ष तक की आय को पूरी तरह कर-मुक्त कर दिया गया है।
जेएसडब्ल्यू समूह के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक (सीएमडी) सज्जन जिंदल ने कहा कि यह बजट मध्यम वर्ग के हाथों में अधिक पैसा उपलब्ध कराएगा, जिससे उपभोग को बढ़ावा मिलेगा।
विप्रो लिमिटेड की मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) अपर्णा अय्यर ने कहा कि बजट में राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को नजरअंदाज किए बिना कर सुधारों, नवाचार को बढ़ावा देने और कौशल विकास पर जोर देकर आर्थिक प्रगति को प्राथमिकता दी गई है।
सोने से संबंधित स्टार्टअप माईगोल्ड के संस्थापक अमोल बंसल ने केंद्रीय बजट पर कहा कि यह आर्थिक वृद्धि के लिए एक मजबूत आधार तैयार करता है, जिसमें कराधान, बुनियादी ढांचे और एमएसएमई और स्टार्टअप के लिए समर्थन में सराहनीय सुधार शामिल हैं। सूक्ष्म, लघु एवं मझोली कंपनियों (एमएसएमई) के लिए बढ़ी हुई क्रेडिट गारंटी योजनाएं और कर राहत स्वागत योग्य कदम हैं।
चिकित्सा क्षेत्र के डॉ. बसु ग्रुप के निदेशक डॉ. मंदीप सिंह बसु ने कहा, “बजट में स्वास्थ्य सेवा और एमएसएमई दोनों के प्रमुख क्षेत्रों का ध्यान रखा गया है। अगले पांच वर्षों में 10,000 मेडिकल सीटें जोड़ने और 75,000 सीटें बनाने का प्रस्ताव स्वास्थ्य पेशेवरों की बढ़ती मांग को पूरा करने में मदद करेगा।
यथार्थ ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स के निदेशक यथार्थ त्यागी ने कहा कि बजट समावेशी और मजबूत स्वास्थ्य सेवा पारिस्थितिकी तंत्र के लिए एक परिवर्तनकारी नींव रखता है। तीन साल की जिला अस्पताल रोलआउट योजना के साथ 200 डेकेयर कैंसर केंद्रों की स्थापना एक स्वागतयोग्य कदम है।
भाषा अनुराग अजय
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