उद्योग को इस्पात आयात पर लगाम लगाने के लिए सरकार की कार्रवाई का इंतजार: टाटा स्टील

उद्योग को इस्पात आयात पर लगाम लगाने के लिए सरकार की कार्रवाई का इंतजार: टाटा स्टील

उद्योग को इस्पात आयात पर लगाम लगाने के लिए सरकार की कार्रवाई का इंतजार: टाटा स्टील
Modified Date: February 21, 2025 / 03:01 pm IST
Published Date: February 21, 2025 3:01 pm IST

नयी दिल्ली, 21 फरवरी (भाषा) टाटा स्टील के सीईओ टी वी नरेंद्रन ने शुक्रवार को कहा कि उद्योग को इस्पात आयात पर लगाम लगाने के लिए सरकार की कार्रवाई का इंतजार है, क्योंकि इससे घरेलू कंपनियां प्रभावित हो रही हैं।

उन्होंने यह चेतावनी भी दी कि बढ़ते आयात की मौजूदा स्थिति के कारण इस्पात क्षेत्र में भविष्य में निवेश प्रभावित हो सकता है।

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इस्पात उद्योग पिछले कुछ वर्षों में निजी क्षेत्र के सबसे बड़े निवेशकों में से एक रहा है। उद्योग की सभी कंपनियों ने बड़ी विस्तार योजनाओं की घोषणा की है।

राष्ट्रीय राजधानी में अखिल भारतीय प्रबंधन संघ (एआईएमए) के 69वें स्थापना दिवस के मौके पर उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा कि विस्तार का एक दौर पूरा हो रहा है।

एआईएमए के वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरेंद्रन ने कहा कि बहुत सारा ऐसा इस्पात, जिसे कहीं और बाजार नहीं मिल पाता, भारत में आ जाता है। इसके चलते यहां कीमतें उस स्तर तक गिर जाती हैं, जहां इस्पात कंपनी को स्वस्थ नकदी प्रवाह के लिए संघर्ष करना पड़ता है।

यह टिप्पणी इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत का लक्ष्य 2030 तक अपनी कुल स्थापित इस्पात विनिर्माण क्षमता को 30 करोड़ टन तक ले जाना है और सभी बड़ी इस्पात कंपनियों ने पहले ही अपनी विस्तार योजनाओं की घोषणा कर दी है।

इस्पात और स्टेनलेस स्टील उद्योग की कंपनियां लगातार सरकार के साथ आयात के मुद्दे को उठा रही हैं। उनका दावा है कि चीन सहित चुनिंदा देशों से आने वाली खेप में उछाल ने उनकी प्रतिस्पर्धात्मकता को प्रभावित किया है।

भारतीय इस्पात संघ (आईएसए) ने इस संबंध में व्यापार उपचार महानिदेशालय (डीजीटीआर) के पास पहले ही आवेदन दायर कर दिया है, जो इसकी समीक्षा कर रहा है।

उन्होंने कहा, ”मुझे लगता है कि सरकार ने हमारी बात सुनी है और उम्मीद है कि वे कुछ कार्रवाई करेंगे। हम इसका इंतजार कर रहे हैं।”

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 की अप्रैल-जनवरी अवधि के दौरान भारत का इस्पात निर्यात 28.9 प्रतिशत घटकर 39.9 लाख टन रह गया है, जबकि पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में यह 56.1 लाख टन था।

दूसरी ओर इस दौरान आयात 20 प्रतिशत बढ़कर 82.9 लाख टन रहा। इस तरह भारत इस्पात का शुद्ध आयातक बना हुआ है।

भाषा पाण्डेय रमण

रमण


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