नयी दिल्ली, 12 अगस्त (भाषा) देश का औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) जून, 2024 में विनिर्माण क्षेत्र के खराब प्रदर्शन की वजह से पांच माह के निचले स्तर 4.2 प्रतिशत पर आ गया। हालांकि, बिजली और खनन क्षेत्र का अच्छा प्रदर्शन जारी है।
सोमवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, औद्योगिक गतिविधियों को मापने वाला औद्योगिक उत्पादन सूचकांक इस साल जून में 4.2 प्रतिशत की दर से बढ़ा जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह चार प्रतिशत रहा था।
हालांकि, मासिक आधार पर आईआईपी का प्रदर्शन पिछले पांच महीनों में सबसे कम रहा है। इस साल मई में यह 6.2 प्रतिशत, अप्रैल में पांच प्रतिशत, मार्च में 5.5 प्रतिशत और फरवरी में 5.6 प्रतिशत बढ़ा था।
इसके साथ ही चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून अवधि में आईआईपी वृद्धि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के 4.7 प्रतिशत के मुकाबले 5.2 प्रतिशत रही।
सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने बयान में कहा कि खनन उत्पादन की वृद्धि जून में बढ़कर 10.3 प्रतिशत हो गई, जबकि एक साल पहले इसी महीने में इसमें 7.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।
हालांकि, औद्योगिक उत्पादन में अहम स्थान रखने वाले विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर जून में घटकर 2.6 प्रतिशत रह गई, जबकि एक साल पहले इसी महीने में इसमें 3.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।
आलोच्य महीने में बिजली उत्पादन में 8.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि पिछले साल इसी महीने में इस क्षेत्र की वृद्धि 4.2 प्रतिशत रही थी।
उपयोग-आधारित वर्गीकरण के मुताबिक, पूंजीगत उत्पाद खंड की वृद्धि जून, 2024 में घटकर 2.4 प्रतिशत रह गई जबकि एक साल पहले की समान अवधि में इसमें 2.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।
इस साल जून में टिकाऊ उपभोक्ता वस्तुओं का उत्पादन 8.6 प्रतिशत बढ़ा जबकि जून, 2023 में इसमें 6.8 प्रतिशत की गिरावट आई थी।
समीक्षाधीन माह में गैर-टिकाऊ उपभोक्ता वस्तुओं के उत्पादन में 1.4 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि मई, 2023 में इसमें 0.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।
आंकड़ों के मुताबिक, बुनियादी ढांचे एवं निर्माण वस्तुओं की वृद्धि दर जून में घटकर 4.4 प्रतिशत रही जो एक साल पहले की समान अवधि में 13.3 प्रतिशत रही थी।
आंकड़ों से यह भी पता चला कि प्राथमिक वस्तुओं के उत्पादन में इस साल जून में 6.3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जो एक साल पहले 5.3 प्रतिशत थी।
समीक्षाधीन महीने में मध्यवर्ती वस्तुओं का खंड 3.1 प्रतिशत बढ़ा जो एक साल पहले दर्ज किए गए 5.2 प्रतिशत के आंकड़े से कम है।
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प्रेम अजय
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