देश में जिंक की मांग 2030 तक काफी बढ़ने की संभावना: आईजेडए

देश में जिंक की मांग 2030 तक काफी बढ़ने की संभावना: आईजेडए

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  • Publish Date - September 17, 2024 / 04:11 PM IST,
    Updated On - September 17, 2024 / 04:11 PM IST

(सिमरन अरोड़ा)

उदयपुर, 17 सितंबर (भाषा) इंटरनेशनल जिंक एसोसिएशन (आईजेडए) ने मंगलवार को कहा कि हरित ऊर्जा और बैटरी प्रौद्योगिकी जैसे उभरते क्षेत्रों के चलते भारत में जिंक की मांग में 2030 तक उल्लेखनीय वृद्धि होने की संभावना है।

आईजेडए का मानना ​​है कि अगले पांच साल में ऊर्जा भंडारण समाधानों में सात गुना वृद्धि होने की उम्मीद है। दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में भारत इन महत्वपूर्ण क्षेत्रों में जिंक की खपत में तेज वृद्धि देख रहा है।

भारत का रिकॉर्ड इस्पात उत्पादन और तेजी से बुनियादी ढांचे का विकास जिंक के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर पेश करता है।

आईजेडए ने कहा कि बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में जिंक को शामिल करने से वार्षिक क्षरण लागत में काफी कमी आ सकती है। यह लागत इस समय भारत के सकल घरेलू उत्पाद का लगभग पांच प्रतिशत है।

आईजेडए ने यहां एक अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम ‘जिंक कॉलेज 2024’ का आयोजन किया, जिसमें 31 कंपनियां और 21 देश शामिल हुए।

रविवार को शुरू हुए पांच दिवसीय कार्यक्रम के दौरान टिकाऊ और कम कार्बन वाले भविष्य के निर्माण में जिंक की महत्वपूर्ण भूमिका पर विचार-विमर्श किया गया।

आईजेडए के चेयरमैन अरुण मिश्रा ने कहा कि शहरीकरण और टिकाऊ बुनियादी ढांचे की आवश्यकता से भारत में जिंक की मांग तेजी से बढ़ने वाली है।

भाषा पाण्डेय रमण

रमण