भारत की GDP वित्त वर्ष 2021-22 में 11 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी- आर्थिक सर्वेक्षण

भारत की GDP वित्त वर्ष 2021-22 में 11 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी- आर्थिक सर्वेक्षण

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  • Publish Date - January 29, 2021 / 11:55 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:51 PM IST

नई दिल्ली, 29 जनवरी (भाषा) आम बजट से पहले शुक्रवार को संसद में पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण के अनुमानों के मुताबिक भारत की आर्थिक वृद्धि दर अगले वित्त वर्ष में 11 प्रतिशत के स्तर पर पहुंच जाएगी और महामारी के चलते आर्थिक संकुचन के बाद वी आकार (गोता खाने के तीव्र वृद्ध) का सुधार देखने को मिलेगा।

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इसके साथ ही 31 मार्च 2021 को खत्म हो रहे चालू वित्त वर्ष के दौरान सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में रिकॉर्ड 7.7 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान जताया गया है। भारत में इससे पहले जीडीपी में 1979-80 में सबसे अधिक 5.2 प्रतिशत का संकुचन हुआ था। आर्थिक सर्वेक्षण 2020-21 में कहा गया है, कि कृषि क्षेत्र में वृद्धि जारी है, जबकि कोविड-19 महामारी को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के चलते सेवा, विनिर्माण और निर्माण क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित हुए।

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सर्वेक्षण में कहा गया, ‘‘महामारी के चलते 2020-21 में अनुमानित 7.7 प्रतिशत संकुचन के बाद भारत का वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद 2021-22 में 11.0 प्रतिशत और वर्तमान बाजार मूल्य पर सकल घरेलू उत्पाद 15.4 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है।’’ सर्वेक्षण में कहा गया कि वैक्सीन दिए जाने और आर्थिक गतिविधियों के सामान्य होने के साथ ही ये अनुमान बढ़ भी सकते हैं।

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सर्वेक्षण में कहा गया है कि नियमों को आसान बनाने और सुधारों के चलते आपूर्ति पक्ष में तेजी आने, बुनियादी ढांचा क्षेत्र में निवेश बढ़ाने, उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजनाओं के माध्यम से विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देने, सेवा क्षेत्र में बढ़ोतरी और विवेकाधीन खपत में बढ़ोतरी से आर्थिक वृद्धि को समर्थन मिलेगा। इसके अलावा वैक्सीन के आने और कम ब्याज दरों तथा पर्याप्त नकदी के चलते कर्ज में बढ़ोतरी से वृद्धि को समर्थन मिलेगा।

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा संसद में पेश किए गए सर्वेक्षण में कहा गया कि अप्रैल से नवंबर 2020 तक उपलब्ध रुझानों के आधार पर चालू वर्ष के दौरान वित्तीय फिसलन होने का अनुमान है। साथ ही भारत 17 वर्षों के बाद चालू वित्त वर्ष में चालू खाते में अधिशेष देख सकता है। भारत ने चालू वर्ष की पहली छमाही में जीडीपी का 3.1 प्रतिशत अधिशेष दर्ज किया था, जो मोटे तौर पर सेवाओं के निर्यात में जोरदार बढ़ोतरी के चलते हुआ।

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सर्वेक्षण के मुताबिक वस्तु और सेवाओं, दोनों के आयात रुझान को देखते हुए, यह उम्मीद है कि भारत 17 साल की अवधि के बाद जीडीपी का वार्षिक चालू खाता अधिशेष कम से कम दो प्रतिशत होगा। सर्वेक्षण के अनुसार महामारी के चलते चालू वित्त वर्ष में जीडीपी में 7.7 प्रतिशत का संकुचन होने की उम्मीद है, लेकिन भारत अगले दो वर्षों में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बन सकता है।